हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

हाईकोर्ट ने तथ्यों को छिपाकर याचिका दाखिल करने के मामले में अलीगढ़ के वीरेन्द्र कुमार जैन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है और हर्जाना की राशि बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से महानिबंधक के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया है।

रिकवरी सर्टिफिकेट को चुनौती

याचिका पर जस्टिस शशिकांत गुप्ता और अजित कुमार की पीठ ने सुनवाई की। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी ने याचिका का विरोध किया। याची ने 11 जुलाई 2017 को बिजली विभाग द्वारा जारी रिकवरी सार्टिफिकेट को चुनौती देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी। याची का कहना था कि उसने 11 सितंबर 2017 को अपीलेट अथारिटी के समक्ष अपील दाखिल की थी। जिस पर उसे राहत नहीं मिली। दस्तावेजों से देखने से कोर्ट के संज्ञान में याची ने अपीलेट अथारिटी के समक्ष कोई अपील नहीं दाखिल की थी, बल्कि उसने विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम अलीगढ़ मंडल में प्रार्थनापत्र दिया था। फोर ने उसकी शिकायत का निस्तारण करते हुए दस हजार रुपए तत्काल जमा करने और शेष राशि किश्तों में देने की शर्त पर विद्युत कनेक्शन जोड़ने का निर्देश दिया था। याची ने दस हजार रुपए तत्काल जमा भी कर दिए। इसके बाद शेष राशि जमा करने के बजाए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।

फोरम के आदेश की जानकारी नहीं

कहा गया कि फोरम के आदेश की उसे जानकारी नहीं है और फोरम के अधिकारी द्वारा जारी आदेश पर उसने हस्ताक्षर भी नहीं किया है। उसके हस्ताक्षर फर्जी बनाए गए है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया। कहा कि याची ने स्वयं दस हजार रुपए जमा करने की बात स्वीकर की है। हस्ताक्षर भी इस याचिका पर किए गए हस्ताक्षर से मेल खाते है। उसने अदालत को गुमराह करके आदेश प्राप्त करने की कोशिश की है।