हाई कोर्ट ने कहा, सभी को समान अधिकार, तलब की भूमि आवंटन पॉलिसी

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कुंभ मेला मानवता व भाईचारे को बढ़ाने वाला धार्मिक आयोजन है। मेले में सभी को समान अधिकार प्राप्त है। कोई वीआईपी नही है। आवंटन नीति के तहत की भूमि आवंटित की जानी चाहिए। एक अन्य याचिका पर कोर्ट ने तीर्थ पुरोहितो को बेहतर स्थान पर भूमि आवंटित करने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए खारिज कर दी है।

आठ को होगी सुनवाई

जस्टिस शशिकांत गुप्ता तथा पीके श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने श्री बजरंग दिव्य शक्ति सेवा संस्थान की याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 8 जनवरी को कुंभ मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन की नीति पेश करने का निर्देश दिया है। याची अधिवक्ता कुंजेश दुबे का कहना है कि मेले में भूमि आवंटन में मनमानी की जा रही है। पहुंच वाले लोगों को संगम के नजदीक व सामान्य लोगों व संस्थाओं को दूर अव्यवस्थित जमीन दी जा रही है। भूमि आवंटन नीति का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने भूमि आवंटन नीति तलब की है। सुनवाई 8 जनवरी को होगी।

तीर्थ-पुरोहितों की याचिका खारिज

यह आदेश जस्टिस भारती सप्रू तथा जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने घनश्याम शर्मा व 9 अन्य तीर्थ पुरोहितो की याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि तीर्थ पुरोहितो का मेले के आयोजन में अहम भूमिका होती है। उन्हें मेले में भूमि आवंटित की गयी है किन्तु स्थान उपयुक्त नहीं है। उन्हें बेहतर स्थान पर भूमि आवंटित की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहाकि मेले में भूमि एक नीति से दी जानी चाहिए। कोई छोटा या बड़ा नहीं है। सभी को समान अधिकार है।