-गाजीपुर का तिहरा हत्याकांड-

-क्रास इग्जामिनेशन की छूट न देने का निचली कोर्ट का आदेश रद

-कोर्ट में सुरक्षा इंतजाम बनाए रखने का एसएसपी को निर्देश

गाजीपुर में सन 1991 में हुए तिहरे हत्याकांड में चश्मदीद मुकदमे के मुख्य अभियुक्तों बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह का क्रास इग्जामिनेशन (प्रति परीक्षा) करेगा। निचली कोर्ट ने इसके लिए अनुमति नहीं दी थी जिसे हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश से बृजेश सिंह को सत्र न्यायालय में पेश करना जरूरी हो जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन माह में पूरी करने का भी निर्देश दिया है।

घायल की याचिका स्वीकार

यह आदेश न्यायमूर्ति भारत भूषण ने उक्त घटना में घायल हुए जगरनाथ सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता बसपा विधायक अफजाल अंसारी की जीप पर सवार होकर जा रहे थे। मोहम्मदाबाद तहसील में एक मारुति वैन से असलहाधारी लोगों ने जीप पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें तीन की मौत हो गई तथा तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। याची का कहना है कि अभियोजन कार्यवाही ठीक से नहीं चल रही है। गवाह होस्टाइल हो गए हैं। याची के वकील ने गवाहों व आरोपियों की प्रतिपरीक्षा (क्रास इग्जामिनेशन) करने की अनुमति मांगी जिसे न्यायालय ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि याची अभियोजन का सहयोग कर सकता है। उसे अलग से प्रतिपरीक्षा का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने गवाहों को बुलाकर बयान लेने या प्रतिपरीक्षा की अनुमति देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एसएसपी को सत्र न्यायालय में में शांतिपूर्ण माहौल कायम रखने के सुरक्षा उपाय करने का भी आदेश दिया है।