- एलोपैथी दवाएं लिखने की छूट दिए जाने का मामला

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं यूनानी डॉक्टरों को एलोपैथी दवाओं की प्रैक्टिस की छूट देने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार एवं नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन से जवाब मांगा है। एसोसिएशन ने अर्जी देकर याचिका में पक्षकार बनाने की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। याचिका की सुनवाई 17 दिसम्बर को होगी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उप्र की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी सिंहल व आदित्य सिंहल का कहना है कि आयुर्वेद व यूनानी डॉक्टरों की एलोपैथी दवाओं की प्रैक्टिस का अधिकार नहीं है। जबकि आयुर्वेदिक डॉक्टरों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शशि नन्दन व शाश्वत शुक्ल का कहना है कि आयुर्वेद डॉक्टरों को भी एलोपैथी दवाओं की शिक्षा दी जाती है। तात्कालिक राहत के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलोपैथी की कुछ अनिवार्य दवाओं का प्रयोग करने का वैधानिक अधिकार है। राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया।