एडीए के खिलाफ हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

पीडि़त पक्ष को राज्य सरकार के समक्ष पुनरीक्षण का अधिकार

हाईकोर्ट ने एडीए की 2021 की महायोजना में बदलाव कर रिहायशी एरिया में 12 मीटर चौड़ी सड़क पर प्राइवेट नर्सिग होम बनाने की अनुमति के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। महायोजना में 18 मीटर सड़क पर ही नर्सिग बनाने की अनुमति दी गयी थी जिसे संशोधित कर 12 मीटर कर दिया गया है।

सरकार के खिलाफ दें पुनरीक्षण अर्जी

कोर्ट ने कहा है कि पीडि़त पक्ष को ऐसे आदेश के खिलाफ राज्य सरकार के समक्ष पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करने का अधिकार है। कोर्ट ने सड़क की चौड़ाई 12 मीटर सही माना और कहा कि इसका निर्धारण हाईकोर्ट में नहीं किया जा सकता।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति आरएन कक्कड़ की खण्डपीठ ने दरभंगा कालोनी वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता श्यामल नारायण व विपक्षी अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, निशीथ यादव, शैलेन्द्र व वरिष्ठ अधिवक्ता एसपी गुप्ता ने बहस की। मालूम हो कि एडीए के उपाध्यक्ष ने संशोधित नियम के तहत सीवाई चिन्तामणि रोड, दरभंगा कालोनी में प्राइवेट नर्सिग होम बनाने की अनुमति दी। याची की आपत्ति यह कहते हुए खारिज कर दी कि सड़क की चौड़ाई की माप एक टीम से करायी गयी है। सड़क की चौड़ाई 12 मीटर सड़क में नाला-नाली को अलग नहीं किया गया है। इसके जवाब में कोर्ट ने निर्णीत किया कि स्ट्रीट में नाली भी शामिल की गयी है। कोर्ट ने कहा कि पीडि़त पक्ष को ही पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करने की छूट है। अन्य कोई भी व्यक्ति पुनरीक्षण दाखिल नहीं कर सकता।