-भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी, 42 हजार सिपाहियों की भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती

-राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा

-आरक्षण को बनाया गया है अरजी में मुद्दा

>ALLAHABAD@inext.co.in

पुलिस, पीएसी और फायर ब्रिगेड में सिपाहियों की भर्ती के लिए चल रही प्रक्रिया जारी तो रहेगी लेकिन नियुक्ति पत्र हाइ कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगी। यह आदेश कोर्ट ने बुधवार को दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से जवाब तलब किया और इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया है। याचिका दाखिल करने वालों ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की भी मांग की थी। लेकिन, कोर्ट ने प्रक्रिया रोकने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है।

यह आदेश जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता ने पूर्व फौजी अरविन्द, विकास व अन्य की याचिका पर दिया है। रिट पर एडवोकेट विजय गौतम ने बहस की। भर्ती के खिलाफ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने याचिकाएं दाखिल की है। याची अधिवक्ता का कहना है कि शारीरिक दक्षता परीक्षा में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई है। जब कि भर्ती विज्ञापन में कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा में 35 फीसद अंक पाने वाले अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इस प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का भी बोर्ड पालन करेगा। बोर्ड ने पदों के अनुपात में 10 गुना अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा हेतु बुलाया है। इसमें आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। प्रारंभिक परीक्षा में तीन प्रश्नों के उत्तर गलत है। बोर्ड ने 28 जुलाई 14 को प्रारंभिक परीक्षा परिणाम घोषित किया है। पुलिस भर्ती में 22 लाख 24 हजार 379 अभ्यर्थी शामिल हुए। शारीरिक दक्षता हेतु 4 लाख 20 हजार 879 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। प्रारंभिक परीक्षा में 139.48 या इससे अधिक अंक पाने वालों को ही शारीरिक दक्षता के लिए बुलाया गया है। यह लिस्ट जनरल जारी कर दी गई है। आरक्षण नियमों का पालन किया गया होता तो ऐसा नहीं होता।

Fact file

पुलिस सेवा 35,500

पीएसी 4033

फायरमैन 2077

कुल पद 41610

लिखित परीक्षा हुई थी 15.12.2014

परिणाम घोषित हुआ 28.07.2014

सफल घोषित परीक्षार्थी 139.4882 अंक पाने वाले

शारीरिक परीक्षा 07.09.2014 से शुरू होगी

आरओ व एआरओ भर्ती को चुनौती

-लोक सेवा आयोग से जवाब तलब

-चैयरमैन व सचिव को हाजिर होने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के खिलाफ याचिका पर आयोग से जवाब मांगा है। साथ ही क्9 अगस्त को आयोग के चैयरमैन एवं सचिव को परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया के ब्योरे के साथ हाजिर रहने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने की छूट दी है।

यह आदेश जस्टिस राकेश तिवारी और एआर मसूदी की खंडपीठ ने प्रतियोगी छात्र राजेन्द्र प्रसाद चौबे की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बहस की। याची का कहना है कि आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम ख्फ् जून क्ब् को घोषित किया। किन्तु न तो अंकपत्र जारी किए गए और न ही कट ऑफ मेरिट घोषित की गई। मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन भरने की तिथि क्ब् अगस्त घोषित करते हुए भ् अगस्त को कट ऑफ मेरिट घोषित की गई। याची को क्ब्7 अंक मिले है और कट ऑफ मेरिट क्ब्8 अंक है। प्रश्नोत्तर के अनुसार याची को क्ब्9 अंक मिलने चाहिए। किन्तु उसके दो अंक काट लिए गए। याची ने इसे चुनौती देते हुए कहा है कि आयोग ने मेरिट तैयार करने में गड़बड़ी की है। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और आयोग के चेयरमैन व सचिव को ब्योरे के साथ क्9 अगस्त को तलब किया है।