-गंगा बैराज के पास 60 एकड़ में केडीए डेवलप कर रहा है लोहिया बॉटेनिकल पार्क

- पार्क के आड़े आ रहे 8065 पेड़ों को काटने की थी तैयारी, इसी मसले पर लगाई थी पीआईएल

-केडीए ऑफिसर्स में मची अफरातफरी, हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए की तैयारी

KANPUR: गंगा बैराज के पास बन रहे लोहिया बॉटेनिकल पार्क के निर्माण पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। 5 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई है। इसकी वजह पार्क की राह में आ रहे 8 हजार से अधिक पेड़ों को काटने की तैयारी बताई जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश से केडीए में अफरातफरी मच गई। जवाब दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। मामले को लेकर फ्राईडे को केडीए के चीफ इंजीनियर ने कंसलटेंट, कांट्रैक्टर व इस प्रोजेक्ट जुड़े ऑफिसर्स के साथ मीटिंग भी की।

पार्क में पार्टी लॉन, थियेटर

गंगा बैराज के एक साइड लगभग 60 एकड़ में केडीए लोहिया बॉटेनिकल पार्क डेवलप कर रहा है। केडीए ऑफिसर्स के मुताबिक, इस पार्क में वाटर म्यूजियम, फिश पॉन्ड एंड पिकनिक स्पॉट, 2500 लोगों की क्षमता का एमफी थियेटर, वेटलैण्ड गार्डेन, केबल ब्रिज, 1500-1500 लोगों की क्षमता वाले 3 मैरिज पार्टी लॉन, ड्राइव इन सिनेमा, 500 चार पहिया वाहनों की पार्किग, फूड स्ट्रीट आदि शामिल हैं। इसकी लागत करीब 70.95 करोड़ बताई जा रही है। 26 फरवरी, 2015 को कार्य शुरू हुआ था और इसकी कम्प्लीशन डेट 25 अगस्त, 2016 है।

4 साल डेवलप की गई ग्रीन बेल्ट

करीब 4 साल पहले केडीए ने ही गंगा बैराज के पास लगभग 25 एकड़ में वन विभाग के जरिए ग्रीन बेल्ट डेवलप कराई थी। वन विभाग ऑफिसर्स के मुताबिक, इस ग्रीन बेल्ट में वन विभाग के जरिए ही पेड़ लगवाए गए थे। इन पेड़ों की संख्या 8800 थी। फारेस्ट ऑफिसर रामकुमार ने बताया कि पेड़ लगाने और तीन साल तक रखरखाव के लिए केडीए से लगभग 55 लाख रुपए मिले थे। इसमें नीम, जामुन, कनकचंपा, कनेर, कदम आदि पेड़ लगाए गए थे। इनमें से ज्यादातर पेड़ अब बडे़ हो चुके हैं। ग्रीन बेल्ट का ये हिस्सा लोहिया बॉटेनिकल पार्क की जद में आ रहा है। जिसकी वजह से केडीए ने इन पेड़ों को काटने की तैयारी शुरू कर दी है।

वन विभाग से मिली एनओसी

केडीए ने लोहिया बॉटेनिकल पार्क के आड़े आ रहे 8065 पेड़ों को काटने के लिए सामाजिक वानिकी विभाग (वन विभाग) से परमीशन मांगी थी। पहले वन विभाग ने इसके लिए करीब 65 लाख रुपए मांगे थे। पर केडीए ने वन विभाग को वर्ष 2015-16 में 28826 में पेड़ लगाने का अपना वर्किग प्लान दिया। जिसके बाद वन विभाग ने केडीए को अनुमति शुल्क के रूप में 8 लाख रुपए से अधिक रुपए जमा करने को कहा। फॉरेस्ट ऑफिसर रामकुमार के मुताबिक केडीए ने अनुमति शुल्क जमा कर दिया है। जिसके बाद उसे पेड़ों को काटने की एनओसी दे दी है।

- लोहिया बॉटेनिकल पार्क डेवलप करने में पेड़ों को काटे जाने को लेकर पीआईएल दाखिल किए जाने पर हाईकोर्ट ने पार्क निर्माण पर रोक लगा दी है। 5 अक्टूबर को सुनवाई है। काउंटर दाखिल किया जाएगा। काटे जाने वाले पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाए जाएंगे। लैंडयूज के मुताबिक ही पार्क डेवलप किया जा रहा है.- प्रदीप कुमार सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, केडीए