उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सुस्त रफ्तार से खफा अभ्यर्थियों ने भेजा सीएम को खत

ALLAHABAD: सूबे में सरकारी नौकरियों के टोटे ने बेरोजगार अभ्यर्थियों को हताशा, कुंठा और अविश्वास से भर दिया है। ऐसे में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग इलाहाबाद की परीक्षा और इंटरव्यू में शामिल होने की राह तक रहे अभ्यर्थी भी परेशान हैं। आयोग की सुस्त रफ्तार पर कोई असर न पड़ता देख अब अभ्यर्थियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नौकरी की मांग की है। उन्होंने यह पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और उच्च शिक्षा मंत्री को भी भेजा है।

धीमी रफ्तार में बढ़ रही प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का पुनर्गठन हो चुका है। यहां करेंट में एक अध्यक्ष समेत छह सदस्य नियुक्त हैं। इसके बावजूद विज्ञापन संख्या 46 के बाकी 09 विषयों का साक्षात्कार इतनी धीमी रफ्तार में आगे बढ़ रहा है कि अभ्यर्थियों का सब्र जवाब दे गया है। आयोग ने अभ्यर्थियों के बार बार के विरोध के बाद 14 अप्रैल को तीन विषय शिक्षाशास्त्र, अंग्रेजी और संस्कृत का ही साक्षात्कार घोषित किया। यह साक्षात्कार 07 मई से 15 मई के बीच करवाया गया। अब असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए हिन्दी, अर्थशास्त्र और चित्रकला विषयों का साक्षात्कार घोषित किया गया है। एक माह तक चलने वाला यह साक्षात्कार 12 जून से 12 जुलाई के बीच सम्पन्न होगा।

छह दिन चलाया जाए आयोग

बेरोजगारों का कहना है कि शासन ने सप्ताह में छह दिन आयोग चलाने का निर्देश दिया है। जबकि, आयोग 04 दिन भी नहीं चल रहा है। यहां एक दिन में मात्र 16 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने को तरजीह दी गई। जबकि, आयोग के पुनर्गठन से पहले एक दिन में 25 से 30 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाता था। अभ्यर्थियों का कहना है कि यूपी लोक सेवा आयोग एक बोर्ड में 70 से 80 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार करवाता है। जबकि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जुड़े डिग्री कॉलेज में भी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एक बोर्ड में न्यूनतम 45 से 60 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया है।

नवम्बर तक क्यों ले गए परीक्षा

उशिसे आयोग की सुस्त कार्यशैली के खिलाफ संघर्ष कर रहे उच्च शिक्षा उत्थान समिति के प्रशांत पाठक, राधेश्याम यादव, बटुक नाथ, श्रुति अवस्थी, सोनल कुमारी, सुकन्या पाल आदि का कहना है कि कोर्ट केस, धरना प्रदर्शन और लगातार संघर्ष के बावजूद आयोग ने विज्ञापन संख्या 47 की लिखित परीक्षा नवम्बर तक के लिए खींच दी। जबकि, आयोग को और पहले इसकी घोषणा करनी थी। सर्वेश सिंह, अखिलेश, बृजेश, प्रशांत विश्कर्मा, चन्द्रसेन यादव, अविनाश पांडेय, निशांत सिंह आदि का कहना है कि उन्हें भर्तियों को तेजी से पूरा न करवाने को लेकर आयोग की मंशा पर ही संदेह है। चेतावनी दी है कि यदि भर्तियों की रफ्तार को तेज न किया गया तो उग्र आन्दोलन होगा।

विज्ञापन संख्या 46 से जुड़े तथ्य

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- मई 2014 में आया था विज्ञापन संख्या 46 का विज्ञापन

- पदों की कुल संख्या थी 1652

- रिटेन एग्जाम 04 चरणों में हुआ था।

- अंतिम चरण की परीक्षा 22 मार्च 2015 को हुई थी।

- विज्ञापन में शामिल 37 विषयों का साक्षात्कार लिया गया और परिणाम घोषित करके अक्टूबर 2017 तक सभी को ज्वाईनिंग भी दे दी गयी।

- अभी 09 विषयों में अंतिम चयन किया जाना शेष है।

- इन नौ विषयों की तकरीबन 800 सीटों के लिए लगभग 07 हजार अभ्यर्थियों को इंटरव्यू का इंतजार है।

विज्ञापन संख्या 47 से जुड़े तथ्य

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- उशिसे आयोग ने जून 2016 में विज्ञापन संख्या 47 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया।

- 1150 पदों का विज्ञापन जारी किया गया था।

- 14 जुलाई 2016 तक आवेदन भी लिये गये।

- 35 विषयों के लिए करीब 50 हजार अभ्यर्थियों को रिटेन एग्जाम का इंतजार है।

- नए आयोग के गठन से पहले पूर्व अध्यक्ष प्रभात मित्तल ने नोटिस निकालकर कहा था कि इसकी परीक्षा 28 मई 2017 को करायी जाएगी और इंटरव्यू दिसम्बर 2017 में होंगे।

- इस बीच आयोग को भंग कर दिया गया और परीक्षा के लिए आवेदकों का इंतजार बढ़ गया।