- समाज कल्याण विभाग के इस घोटाले पर दो-दो जनहित याचिका हैं हाईकोर्ट में दायर

- एक की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर, दूसरी की 4 नवंबर को होगी फिर सुनवाई

नैनीताल,

500 करोड़ के समाज कल्याण स्कॉलरशिप स्कैम में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट और एसआइटी से मामले की इन्क्वायरी रिपोर्ट तलब की है। वहीं, जौनसार क्षेत्र के उच्च पदों पर तैनात लोगों द्वारा विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर बच्चों के सर्टिफिकेट्स में हेराफेरी कर पाल्यों को स्कॉलरशिप दिलाने के मामले में भी जवाब मांगा है।

अगली सुनवाई 23 को

दून निवासी राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान की जनहित याचिका पर मंडे को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक एससी-एसटी स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप नहीं दी गई, जो बड़े स्कॉलरशिप स्कैम की ओर इशारा करता है। 2017 में सीएम ने स्कैम के खुलासे के लिए एसआईटी गठित कर 3 माह इन्क्वायरी पूरी करने को कहा था, लेकिन अब तक इन्क्वायरी पूरी नहीं हुई। याचिका में उन्होंने स्कैम की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की थी। चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए स्टेट गवर्नमेंट व एसआईटी को इन्क्वायरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर की डेट नियत की गई है।

एक और याचिका है दायर

इसी स्कैम को लेकर दूसरी जनहित याचिका दून निवासी सुभाष नौटियाल ने हाई कोर्ट में दायर की है, जिसमें बताया गया है कि विकासनगर तहसील के जौनसार में रहने वाले पिछड़ी जाति के तमाम लोग विभिन्न सरकारी महकमों व बैंकों में उच्च पदों पर तैनात हैं, इसके बावजूद उनके द्वारा विभागीय अफसरों से मिलीभगत कर सर्टिफिकेट्स में हेराफेरी कर स्कॉलरशिप ली गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार इसकी शिकायत एसआईटी प्रमुख से की गई, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने इस मामले में भी सरकार व एसआईटी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, इस याचिका पर अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।