- 110 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें, झांसी के भोपाल और मुंबई जाने वाले लाखों पैसेंजर्स को मिलेगी राहत, बचेगा समय

- इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद डबल ट्रैक बिछाने का काम भी तेज, भीमसेन-उरई के बीच नॉन इंटरलाकिंग वर्क 6 मार्च तक पूरा हो जाएगा

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KANPUR। कानपुर-दिल्ली व लखनऊ रूट के बाद रेलवे कानपुर-झांसी रूट पर ट्रेनों की मैक्सिमम स्पीड बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। कानपुर-झांसी रूट में इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क पूरा होने के बाद सैटरडे से नॉन इंटरलाकिंग वर्क भी शुरू कर दिया गया है। यह वर्क लगभग 6 मार्च को पूरा हो जाने की संभावना रेलवे अफसरों ने जताई है। अप्रैल से इस रूट पर चलने वाली ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेंगी। जबकि वर्तमान में ये ट्रेनें 65 किमी की स्पीड से ही चल पाती हैं। स्पीड करीब 45 किमी प्रति घंटा बढ़ जाएगी।

50 से अधिक पैसेंजर्स ट्रेनें

झांसी डिवीजन के पीआरओ मनोज सिंह ने बताया कि कानपुर-झांसी रूट पर करीब 50 पैसेंजर्स ट्रेनों का डेली आना-जाना है। जिसमें अधिकतर ट्रेनें वाया कानपुर-झांसी होकर मुम्बई जाने वाली हैं। कानपुर-झांसी ट्रैक पर ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे से चल सके इसके लिए तेजी से नॉन इंटरलाकिंग, ट्रैक मेंटीनेंस, रिप्लेसमेंट व डबल ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है।

पुराने ट्रैक बदलकर नए

एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि कानपुर से झांसी तक पुराने ट्रैक बदल कर लेटेस्ट पटरियां बिछाई जा रही हैं। वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनों की मैक्सिमम स्पीड 65 किमी प्रति घंटे हैं। अप्रैल के सेकेंड वीक में वर्क पूरा होने के बाद ट्रेनों की मिनिमम स्पीड 110 किमी प्रति घंटे कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि झांसी रूट को डबल लाइन करने का काम भी चल रहा हैं जो इसी वर्ष पूरा हो जाएगा।

इलेक्ट्रिफिकेशन का हो चुका ट्रायल

झांसी डिविजन के पीआरओ मनोज सिंह ने बताया कि झांसी-कानपुर रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क हाल ही में पूरा किया गया है। इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन को दौड़ा कर इसका ट्रायल भी कर लिया गया है। इस रूट पर जल्द ही 3 जोड़ी से अधिक मेमू ट्रेनों का संचालन भी किया जाएगा। जिसका लाभ डेली पैसेंजर्स व स्टूडेंट्स उठा सकेंगे।

मुम्बई जाने वाले पैसेंजर्स को रिलीफ

कानपुर-झांसी रूट पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से मुम्बई जाने वाले पैसेंजर्स को सबसे ज्यादा रिलीफ मिलेगी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़, पटना समेत विभिन्न रूट से वाया कानपुर होकर मुम्बई दो दर्जन से अधिक ट्रेनें जाती हैं। जो कानपुर से झांसी के बीच काफी धीमी गति से चलती हैं इस वजह से समय भी काफी लगता है।

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220 किमी कानपुर-झांसी का डिस्टेंस

50 से अधिक ट्रेनों का डेली संचालन

65 किमी प्रति घंटे मैक्सिमम स्पीड अभी

110 किमी प्रति घंटे मैक्सिमम स्पीड अप्रैल में करने की तैयारी

2:30 घंटे में तय होगी कानपुर-झांसी की जर्नी

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'' पैसेंजर्स की सुविधाओं को देखते हुए रेलवे का पूरा ध्यान ट्रैक मेंटीनेंस कर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का है। कानपुर-झांसी रूट की ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से पैसेंजर्स को काफी रिलीफ मिलेगी।

अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर