पूरी उम्मीद है
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस ओझा ने बताया कि संडे इवनिंग ठंडी-ठंडी पुरवाई चल रही थी। यह संकेत है मानसून के आने का। दरअसल पश्चिम की हवाओं ने दिल्ली तक बहुत तेजी से मानसून को रोक दिया था। तेज हवा के कारण बंगाल की खाड़ी से चला मानसून असम में रुककर बारिश करने लगा। हालांकि अब पूर्वी उत्तरी के ईशान कोण से बादल आते नजर आ रहे हैं। पूर्वी हवाओं के आने से उम्मीद है कि अगले दो दिन में बारिश होगी।

हो सकती है मूसलाधार बारिश
ओझा बताते हैं कि इससे पहले
2001 में यही स्थिति बनी थी। जुलाई के फस्र्ट वीक तक मानसून नहीं आया था। उसके बाद इस साल मानसून ने धोखा दिया है। वैसे उम्मीद है कि तेज मूसलाधार बारिश होगी। हालांकि तेज बारिश होने के कारण पानी बह जाएगा। वह जमीन में भी नहीं जा पाएगा।

हर जगह त्राहिमाम
बारिश न होने के कारण एक तरफ किसान परेशान हैं तो दूसरी ओर सिटी में रहने वालों का भी बुरा हाल है। तापमान बढऩे के कारण इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ओवरलोड की समस्या से भी जूझ रहा है। बेहिसाब बिजली कटौती से लोग बेहाल हैं। जानलेवा गर्मी अब तक कइयों की जान ले चुकी है। पिछले दो महीने में पचास से ज्यादा लोग गर्मी के कारण मौत की नींद सो गए।

पिछले एक हफ्ते का रिकॉर्ड
1 जुलाई- 46 डिग्री सेल्सियस
30 जून-43 डिग्री सेल्सियस
29 जून-40 डिग्री सेल्सियस
28 जून-41 डिग्री सेल्सियस
27 जून-41.8 डिग्री सेल्सियस
26 जून-41.5 डिग्री सेल्सियस 

कैसे हो बारिश
वैसे जानकारों का कहना है कि मानसून के कमजोर पडऩे के जिम्मेदार भी हम ही हैं। पिछले
25 साल से लगातार सिटी में पेड़ों की कटाई हो रही है। इलाहाबाद की हरियाली खत्म होती जा रही है। यही कारण है कि यहां के अधिक्तम तापमान में हर साल बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस बार 111 साल का रिकॉर्ड टूटा है। ये बात समाजसेवी एडवोकेट आनंद शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने राय दी कि वन विभाग और प्रशासनिक ऑफिसर पौधरोपण को लेकर गंभीर हो जाए तो बात बन सकती है। बरगद, पीपल, नीम, आम, इमली, कदम्ब, बेल जैसे पौधे लगाए जाएं।