- छोटी-छोटी बातों पर हड़ताल कोर्ट की अवमानना, देहरादून बार एसोसिएशन की याचिका की खारिज

NAINITAL: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों में शनिवार को होने वाली हड़ताल को गैर कानूनी करार दिया है। कोर्ट ने छोटी-छोटी बातों को लेकर कार्यो का बहिष्कार और हड़ताल करने वालों को सख्त संदेश देने के साथ ही गैर कानूनी हड़ताल रोकने के लिए जिम्मेदारियां भी तय की हैं। कोर्ट ने इस तरह की हड़तालों को अवमानना के दायरे में लेते हुए स्टेट बार कौंसिल को ऐसा करने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई के लिए भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को वादकारियों के लिए अहम माना जा रहा है।

विशेष याचिका पर हुई सुनवाई

शुक्रवार को न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ ने देहरादून बार एसोसिएशन की विशेष याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। बार एसोसिएशन ने शनिवार की हड़ताल के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने भी वकीलों के कार्यबहिष्कार व हड़ताल को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका को खारिज करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले जरिये छोटी-छोटी बातों को लेकर की जाने वाली हड़तालों पर सख्त संदेश दिया है। साथ ही गैर कानूनी हड़ताल रोकने के लिए जिम्मेदारियां भी तय की हैं।

हड़ताल की वजह बचकाना

खंडपीठ ने हड़ताल की वजहों को बचकाना करार दिया। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया व बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को नोटिस जारी कर पूछा कि इस मामले में की गई कार्रवाई स्पष्ट करें। खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि बार एसोसिएशन कैसे कह सकता है कि हड़ताल जारी रखेंगे। इस तरह की चीजों की अनुमति नहीं दी जा सकती।

आदेश के प्रमुख अंश

- अधिवक्ता हड़ताल पर जाएंगे तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।

- अधिवक्ता न्यायिक कायरें से विरत रहते हैं तो जिला जज इसकी रिपोर्ट उच्च न्यायालय को करेंगे

- उच्च न्यायालय हड़तालियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करेगा।

न्यायिक अधिकारी हड़ताल की वजह से मुकदमे की तारीख नहीं टालेंगे

- हड़ताल की वजह से सुनवाई टली तो इसकी जवाबदेही न्यायिक अधिकारी की होगी।

- हड़ताल में शामिल अधिवक्ताओं को पद से हटाने व बार कौंसिल से सदस्यता समाप्त करें

दून निवासी व्यक्ति ने दायर की थी याचिका

शनिवार को होने वाली हड़ताल पर देहरादून निवासी ईश्वर शांडिल्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी थी। उनका कहना था कि देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में 35 वर्षो से किसी ने किसी वजह से अधिवक्ता हड़ताल कर रहे हैं। इससे वादाकारियों को न्याय से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने हड़ताल को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की थी।

सात मार्च को उत्तराखंड बार काउंसिल की बैठक बुलाई गई है। उस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा करेंगे। आदेश के अध्ययन के बाद ही जवाब दाखिल किया जाएगा।

सुरेंद्र पुण्डीर, चेयरमैन, उत्तराखंड बार काउंसिल