- हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा जवाब, उत्तराखंड सरकार ने याचिकाकर्ता की मंशा पर उठाए सवाल

NAINITAL: कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन में महाराजगंज (उप्र) के विधायक अमनमणि त्रिपाठी के उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ के पितृ कार्य के बहाने विशेष पास जारी कराकर बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने को लेकर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। कोर्ट ने विधायक त्रिपाठी और उनके साथियों के अलावा डीएम चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल व देहरादून को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि जब भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया था तो किन परिस्थितियों में स्पेशल पास जारी किया गया। याचिकाकर्ता ने याचिका में उत्तराखंड के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, डीजीपी और सीबीआई को भी पक्षकार बनाया है।

पितृ कर्म को लेकर जारी किया था विशेष पास

देहरादून निवासी उमेश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत उनके साथी जयप्रकाश, माया, शंकर, मनीष कुमार, संजय कुमार, रितेश यादव, ओमप्रकाश यादव, अजय यादव, प्रकाश पासवान व विनय कुमार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के दिवंगत पिता के पितृ कर्म के बहाने विशेष पास जारी कर बदरीनाथ-केदारनाथ जाने की अनुमति दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि जब देश में लॉकडाउन घोषित था तो इस दौरान विशेष पास जारी कर आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन किया गया। याचिका में पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की गई। सरकार की ओर से याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह जनहित याचिका पीआइएल रुल्स का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता द्वारा तमाम तथ्य छिपाए गए हैं। खुद का आपराधिक इतिहास भी छिपाया है। व्यक्तिगत स्वार्थ व रंजिशन के साथ पब्लिसिटी स्टंट के लिए याचिका दायर की है, लिहाजा याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है। कोर्ट ने माना कि मामला सीबीआई जांच के लायक नहीं है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद विधायक व उनके साथियों समेत तीन जिलों के डीएम को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।