- हाईकोर्ट ने एससी-एसटी आयोग का फैसला किया निरस्त

- न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित करने पर 25 हजार का जुर्माना, दो सप्ताह में करना होगा जमा

NAINITAL: हाईकोर्ट से समाज कल्याण विभाग के करीब 500 करोड़ के स्कॉलरशिप करप्शन में गिरफ्तारी से बच रहे संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को झटका लगा है। कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर एससी-एसटी आयोग के स्तर से जारी रोक का आदेश निरस्त कर दिया है। न्यायिक कार्यो को प्रभावित करने को गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने नौटियाल पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना दो सप्ताह में जमा करना है।

एसआईटी पर लगाया था उत्पीड़न का आरोप

घोटाले के आरोपी समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने को याचिका व एसएलपी दायर की थी, जिसे दोनों ही अदालतों ने खारिज कर दिया था। एसआईटी के स्तर से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नौटियाल ने एससी-एसटी आयोग में उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। आरोप लगाया कि एसआईटी पूछताछ के बहाने उत्पीड़न कर रही है, जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई नहीं करने के आदेश पारित किए। इसी बीच हरिद्वार निवासी पंकज कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर एससी-एसटी आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया कि मामला अदालत में विचाराधीन है, मगर आयोग कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। लिहाजा आयोग के आदेश को निरस्त किया जाए। ट्यूजडे को इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आयोग का आदेश निरस्त कर दिया।