नई दिल्ली (पीटीआई)। देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। माैजूदा वित्त वर्ष में यह दर 7 प्रतिशत रही जबकि 2021-22 में देश की आर्थिक विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी। दुनिया में तेजी से विकसित होने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार रहेगी। अगले वित्त वर्ष में जीडीपी सामान्य तौर पर 11 प्रतिशत रह सकती है। विकास की मुख्य वजह निजी उपभोग बढ़ने, ऊंची पूंजी, काॅरपोरेट की मजबूत बैलेंस शीट, छोटे कारोबार में पूंजी बढ़ने तथा प्रवासी मजदूसरों के शहर में वापस लौटना रहेगी।

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पर्चेजिंग पावर के लिहाज से भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

पर्चेजिंग पावर पारिटी (पीपीपी) के लिहाज से भारत दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। एक्सचेंज रेट के लिहाज से अपना देश की अर्थव्यवस्था पांचवीं सबसे बड़ी होगी। महामारी तथा यूरोपीय संघर्ष की वजह से धीमी अर्थव्यवस्था में जो नुकसान हुआ उसकी करीब-करीब भरपाई हो चुकी है। इतना ही नहीं जो रुकावट थी वह भी तकरीबन दूर हो चुकी है। ग्लोबल अर्थव्यवस्था तथा राजनीतिक परिदृश्य अनुकूल रहा तो अगले वित्त वर्ष में जीडीपी 6-6.8 प्रतिशत की दर से विकसित होगी।

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