- परिजनों और पुलिस के बीच तालमेल को धता बता रहे थे अपराधी - फिरौती वसूलने के लिए वैशाली, फिर कनाट पैलेस और गुड़गांव बुलाया

- अय्याशी के लिए बुलाई गई दो अन्य युवतियां भी पुलिस ने पकड़ी

Meerut : रिटायर्ड आईएएस पिता का बेटा प्रतीक लंदन में पढ़ा हाईली क्वालीफाइड था। तीन लाख रुपये महीना कमा भी रहा था। फिर ऐसी क्या मजबूरी थी जो उसने अपने ही रिश्तेदार मासूम अतिशय का अपहरण किया। पुलिस के खुलासे से स्पष्ट हुआ कि अतिशय के सामने पहचान उजागर होने के बाद अपहृता उसके कत्ल की योजना बना चुके थे। बस इंतजार था तो फिरौती की रकम का।

आस्था विस्वास बनी हमराह

पुलिस ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में प्रतीक की प्रेमिका आस्था विस्वास की अहम भूमिका रही है। गुड़गांव में लिव इन में रह रही आस्था के खर्चे पूरे करना प्रतीक के लिए मुश्किल हो रहा था तो वहीं अतिशय के अपहरण की योजना में वो शरीक थी। प्रतीक और तुषार की योजना रोंगटे खड़े कर देने वाली थी, पुलिस ने बताया कि अपहरण के साथ ही भाई के खून से हाथ रंगने और इसके बाद देहरादून में अय्याशी की योजना थी। इतना ही नहीं, रंगेलियां मनाने के लिए दो और युवतियों को बुलाया गया था। इन दोनों युवतियों को भी पुलिस ने दबोच लिया है।

मुस्तैदी से बची जान

पुलिस की मुस्तैदी से अतिशय की जान बची। बता दें कि वापसी के लिए आरोपियों ने दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। बाद में 50 लाख रुपये फिरौती देने की चर्चा रही। हालांकि पुलिस मात्र 23 लाख रुपये ही बरामद कर सकी है। आरोपियों ने अतिशय के पिता को 22 फरवरी की रात को कॉल कर फिरौती मांगी थी। इस बीच पुलिस अतिशय के परिजनों के संपर्क में आ चुकी थी। इसके बाद 23 की दोपहर रकम लेकर मयंक जैन को पहले दिल्ली के वैशाली, फिर कनाट पैलेस, चांदनी चौक और इसके बाद गुड़गांव बुलाया गया।

क्राइम ब्रांच की पांच टीमें लगी

एसपी सिटी ओपी सिंह के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की पांच टीमें इस केस को सॉल्व करने में लगी थीं। 27 फरवरी को दिल्ली में ही फिरौती दी जानी है, ये तय होने के बाद अतिशय के पिता के साथ पुलिस मुस्तैद हो गई। पुलिस फॉलो कर ही रही थी कि इसी बीच फिरौती की रकम (23 लाख रुपये) और अतिशय को लेकर आरोपियों की फरारी की सूचना मिली। पुलिस ने संभावित रास्तों पर पीछा कर मुस्तैदी बरतते हुए मेरठ के वेदव्यासपुरी के निकट आरोपियों को पकड़ लिया।

एसएसपी ने दी पूरी जानकारी

नोएडा में डीजीपी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद मेरठ में एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी सिविल लाइन्स में प्रेसवार्ता के दौरान दी। एसएसपी ने युवती के बारे में बताया कि आस्था विश्वास मूल रूप से कोलकाता के कमालपुर थाना धानतला की रहने वाली है। आस्था कुछ साल पूर्व दिल्ली आई थी और यहां की एक कंपनी में जॉब करने लगी। वर्तमान में गुड़गांव की एक कंपनी में काम करती थी। यहीं पर उसकी मुलाकात काम के सिलसिले में आने वाले प्रतीक से हुई थी। दोनों के बीच करीब 11 माह पूर्व प्रेम प्रसंग हो गया। बाद में आस्था प्रतीक के साथ उसके गुड़गांव स्थित वाटिका इंडिया नेक्सट सेक्टर-82 में शिफ्ट हो गई। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे। अतिशय के अपहरण की योजना में आस्था को भी शामिल किया गया था।

पिता रिटायर्ड आइएएस अधिकारी

मुख्य अपहरणकर्ता प्रतीक व तुषार इंजीनियर हैं। प्रतीक और तुषार दोनों मौसेरे भाई हैं। प्रतीक के पिता संजय कुमार जैन निवासी जवाहरनगर जयपुर रिटायर्ड आइएएस अधिकारी हैं। प्रतीक की प्रतिमाह की इनकम करीब तीन लाख रुपये से ज्यादा की बताई गई है।