RANCHI: हैलो! आप मुझे जानते नहीं? आपकी वर्दी उतरवा दूंगा। ये लीजिए बात कर लीजिए? क्यों साहब, आपने हेलमेट क्यों नहीं पहना। जवाब मिलता है भूल गया। डॉक्टर ने मना किया है या बाई मिस्टेक हो गया? जी हां, ई चालान की व्यवस्था से जहां आम पब्लिक जागरूक हो गई है, वहीं नियमों की अवहेलना भी पहले से दोगुनी बढ़ गई है। रांची यातायात पुलिस के लिए यह एक समस्या है। इसके पूर्व लोग 100-50 में मैनेज कर लेते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं है। क्योंकि, अब यातायात पुलिस को लोगों से मतलब नहीं है। आप पर नजर कोई और रख रहा है। आप चाहें या न चाहें। जुर्माना तो भरना ही पड़ेगा।

सबका कट रहा है चालान

इस नई व्यवस्था में आम हो या खास, सबका चालान कट जा रहा है। कई जगह ऐसे हैं, जहां रेड लाइट की परंपरा नहीं है, लेकिन हाई डेफिनेशन कैमरे का डर लोगों में समा रहा है।

बहाने, जो हो गए पुराने

सर्जना चौक : भाई साहब आपने हेलमेट नहीं पहना है?

बाइक सवार: यहीं पर जाना था, इसलिए नहीं पहने।

सर्जना चौक: बाइक सवार(जेब्रा क्रांसिंग के पास), क्या आपको पता है आप जेब्रा क्रासिंग पार कर गए हैं। हेलमेट भी नहीं है?

बाइक सवार: जाने दीजिए, अभी हम जल्दी में हैं। थोड़ी देर में एक स्कूटी पर सवार दो लोग आए और जब उनसे हेलमेट नहीं पहनने का कारण पूछा गया तो मुंह से निकला, सॉरी, बाई मिस्टेक हो गया। पर, यह बाई मिस्टेक भी अब उन्हें राहत नहीं देनेवाला है।

जवानों को मिली राहत

नए साल से नई ट्रैफिक व्यवस्था बहाल होने के बाद न तो पब्लिक किसी जवान से उलझ रही है, न ही जवानों को कोई टेंशन है। जवानों द्वारा आराम से ड्यूटी निभाई जाती है। इसकी वजह से दिन-रात ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में लगे जवानों को काफी राहत मिली है।

यू ट्यूब पर प्रचार-प्रसार

रांची के यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए यू ट्यूब पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। आमलोगों से अपील की गई है कि यदि वे जागरूक नागरिक का कर्तव्य निभाएंगे तो पुलिसिंग आसान हो जाएगी।

ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे हैं जागरूक इंसान

अब लोगों को यमराज, नारद और यातायात जागरूकता सप्ताह के माध्यम से जागरूक करने की जरूरत नहीं है। एसएसपी अनीश गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि नियम तोड़नेवालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियम या हाई डेफिनेशन कैमरा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी लगाए गए हैं। बाद में पुलिस सभी नंबरों की वेरीफाई करती है और उसके आधार पर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है। ट्रैफिक व्यवस्था संभालनेवाले जवानों का कहना है कि नई व्यवस्था से जवानों को पहले की अपेक्षा काफी सहूलियत हुई है। पहले उन्हें दिनभर सड़कों पर ही गुजारना पड़ता था। अब कैमरा के माध्यम से ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा रहा है। ऐसे में जवानों को थोड़ा आराम जरूर मिल रहा है।