शिमला/नई दिल्ली (एएनआई/आईएएनएस)। रेगिस्तानी टिड्डियों के बड़े पैमाने पर झुंडों के आने के बाद कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। कृषि निदेशक डॉ आरके कौंडल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कौंडल ने कहा कि आधिकारिक तौर पर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, टिड्डी गतिविधि पर निरंतर सतर्कता बरतने और किसी भी आपातकालीन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैयार रहने के लिए सतर्क किया गया है।

हवा के साथ उड़ती हैं टिड्डियां

ये ट्डिडियां ज्यादातर फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट पास के कृषि अधिकारियों को देने को कहा गया है। कृषि निदेशक कौंडल ने कहा, 'रेगिस्तनी टिड्डे आमतौर पर हवा के आधार पर लगभग 16-19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं। जब झुंड एक विशेष क्षेत्र में बस जाता है तो इसे केमिकल के छिड़काव से भगाना चाहिए।

जैव-कीटनाशक से भगाया जाएगा

कौंडल ने आगे कहा कि सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे टिड्डी हमले के बारे में किसानों में जागरूकता पैदा करें। बायो-कंट्रोल लेबोरेटरी, कांगड़ा और मंडी को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी पूरी क्षमता से मेथेरिजिय़म और बेवेरिया जैव-कीटनाशक तैयार करें।उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के किसी भी हिस्से से कोई टिड्डी गतिविधि की सूचना नहीं मिली है और टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।

कृषि मंत्री बोले - अगली बार बॉर्डर पर खत्म कर देंगे

भारत में टिड्डी हमले को देखते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को कहा, अगली बार हम इन प्रवासी कीटों को बॉर्डर पर ही खत्म कर देंगे। आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, चौधरी ने कहा कि अगली बार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डियों को मार दिया जाएगा। केंद्र ने इसके लिए मजबूत इंतजाम किए हैं। बाड़मेर सांसद ने कहा, "भारत सरकार ने टिड्डियों को मारने के लिए यूके से 60 विशेष स्प्रे मशीनें खरीदी हैं। इनमें से 15 मशीनें 11-12 जून को भारत पहुंचेंगी। हम ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से रसायनों को स्प्रे करने की भी योजना बना रहे हैं।' चौधरी ने आगे कहा कि मंत्रालय ने कई कंपनियों के साथ चर्चा की थी कि टिड्डे के खतरे को कैसे नियंत्रित किया जाए। हमारे पास छिड़काव के लिए आवश्यक रसायन के पर्याप्त भंडार हैं।

सबसे खतरनाक प्रवासी कीट है टिड्डी

टिड्डी सबसे पुराना और खतरनाक प्रवासी कीट है, जो पूर्वी अफ्रीका से उड़ता है और ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के माध्यम से भारत में प्रवेश करता है। कीट को पौधों के प्लेग के रूप में भी कहा जाता है और लाखों के झुंड में उड़ता है और एक दिन में लगभग 150-200 किमी की दूरी तय करता है। देश में टिड्डी हमले पिछले साल से बढ़ गए हैं लेकिन इस वर्ष, मानसून के आगमन से पहले टिड्डियों में बहुत अधिक भीड़ हो गई है और देश के मध्य भागों में पहुँच गए हैं - जिसमें पंजाब, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ज्यादा प्रभावित हैं।

राजस्थान ने समय रहते नहीं उठाया कदम

यहां तक ​​कि दिल्ली भी टिड्डी हमले के खतरे में है। जब पूछा गया कि राजस्थान में सीमा पर टिड्डियों के हमले को क्यों नहीं रोका गया, तो मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को 14 करोड़ रुपये की राशि दी और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए, लेकिन समय पर उनका उपयोग नहीं किया।

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