प्रेम कुमार धूमल पीछे, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आगे
पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी कर रही भारतीय जनता पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवार जहां जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। वहीं पार्टी की ओर से सीएम पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल पीछे सुजानपुर सीट पर पीछे हैं। वह इस सीट पर अपने निकटतम उम्मीदवार से 2933 वोटों से पीछे चल रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार राजिंदर राणा से है। राणा को जहां 21492 वोट मिले हैं वहीं धूमल को 18559 वोट ही मिले हैं।
मुख्यमंत्री के बेटे लगातार बढ़त बनाए हुए
वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री व कांग्रेस उम्मीदवार वीरभद्र सिंह अरकी विधानसभा सीट पर 6051 वोटों से आगे हैं। यहां बीजेपी ने रतन सिंह पाल को उनके मुकाबले में उतारा है। वीरभद्र सिंह को 34499 वोट व रतन सिंह को 28448 वोट मिले हैं। वहीं शिमला ग्रामीण सीट पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी बढ़त बनाए हुए हैं। वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के डा. प्रमोद शर्मा से 4880 वोटों से आगे हैं। सिंह को 28275 व बीजेपी उम्मीदवार को 23395 वोट मिले हैं।
बीजेपी व कांग्रेस के बीच लगभग 8 प्रतिशत मतों का अंतर
अभी तक हो चुकी मतगणना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 48.4 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला है। वहीं कांग्रेस को 42 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है। निर्दलीय उम्मीदवारों को 6.4 प्रतिशत वोट मिले हैं। सीपीएम को 1.5 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया है। बहुजन समाज पार्टी को अभी तक आधा प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं 0.9 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है।
मुख्य मुकाबला बीजेपी व कांग्रेस के बीच
राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी व कांग्रेस के बीच है। दोनों ने सभी 68 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बीएसपी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा है। वहीं सीपीएम ने 14 व सीपीआई 3 सीटों पर मुकाबले में है। स्वाभिमान पार्टी व लोक गठबंधन पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल समेत 337 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद है जो शाम तक बाहर आ जाएगा। राज्य में 75.28 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। 68 विधानसभा सीटों की मतगणना 42 मतगणना केंद्रों पर हो रही है।
सत्ता परिवर्तन का सिलसिला
हिमाचल प्रदेश के मतदाता बीते कई चुनावों से सत्तारुढ़ पार्टी के खिलाफ जनादेश देते आए हैं। जहां 1990 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। वहीं कांग्रेस ने 1993 में हार का बदला लिया। बीजेपी ने 1998 में सत्ता में वापसी की। जब हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर उसने सरकार बनाई। कांग्रेस ने 2003 में सत्ता में वापसी की। इसके बाद बीजेपी 2007 का विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता में वापस लौटी। इसके बाद 2012 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की।
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