डॉ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिर्विद्)। Hindu Nav Varsh 2023 : हिंदू धर्म में हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरुआत होती है। इस वर्ष नये वर्ष का प्रारम्भ 22 मार्च को हो रहा है। 22 मार्च को बुधवार है और गणेश जी का दिन है। इस दाैरान विक्रम संवत् 2079 से बदलकर 2080 हो जायेगा और शक् संवत 1944 से बदलकर 1945 हो जायेगा। इसे नव संवत्सर के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संवत्सर के प्रारम्भ में मौसम सुहावना हो रहता है। प्रकृति भी नये संवत्सर का स्वागत करती है। इस दाैरान न ज्यादा ठंड होती है न ज्यादा गर्मी होती है। मौसम भी नये वर्ष की खुशी को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है।

ज्योतिष गणना के आधार पर

विक्रम संवत के अनुसार वर्ष का मूलांक 8 होगा और शक् संवत के अनुसार वर्ष का मूलांक 5 होगा। इस तरह से जिन लोगों का मूलांक 5 या आठ होगा उनके लिए यह वर्ष बहुत अनुकूल होगा। ऐसे जातक इस साल विशेष उन्नति करेगें। वहीं आठ के अलावा जिनका मूलांक 2,4,6 है वे जातक भी इस वर्ष विशेष उन्नति कर सकते है। इसके अतिरिक्त जिनका मूलांक 5 है वह भी विशेष उन्नति कर सकते है लेकिन 1,3,7,9 मूलांक वाले जातकों के लिए यह वर्ष थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

संवत्सर की वैज्ञानिकता

हमारा संवत्सर एक वैज्ञानिक प्रारुप भी प्रस्तुत करता है। सूर्य 21 मार्च को दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरीय गोलार्ध में प्रवेश करता है। इसलिए 22 मार्च को खगोलीय आधार पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। भारतीय संविधान सभा भी 22 मार्च को वर्ष का प्रारम्भ मानती है। 22 मार्च को सूर्य उत्तरायण हो जाता है। जो कि 23 सितम्बर तक उत्तरायण बना रहता है। इसके बाद 23 सितम्बर से 21 मार्च तक सूर्य दक्षिणायन रहता है।