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Lucknow:
नाका के खुर्शेदबाग में दिनदहाड़े बेखौफ हमलावरों ने हिंदू महासभा नेता और हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके दफ्तर में बड़ी ही बेरहमी से गोली मारने के बाद गला रेतकर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर आराम से मौके से फरार हो गए. वारदात के कुछ देर बाद दफ्तर पहुंचे कार्यकर्ता ने कमलेश को लहूलुहान हालत में देख इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने कमलेश तिवारी को मृत घोषित कर दिया. इधर, उनकी मौत की खबर मिलते ही उनके समर्थक भड़क उठे और खुर्शेदबाग मे दुकानें बंद करा दीं. समर्थकों ने मर्च्युरी के सामने भी जमकर हंगामा काटा. उधर से गुजर रहे वाहनों में तोडफ़ोड़ की.बता दें कि वर्ष 2017 में गुजरात के सूरत में पकड़े गए आईएसआईएस के दो आतंकियों उबैद मिर्जा और कासिम स्टिंबरवाला ने कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने की बात कुबूल की थी.

फोन कर मिलने आए थे
पुलिस के मुताबिक, कमलेश तिवारी नाका के खुर्शेदबाग में पत्नी किरन व तीन बेटों ऋषि, सत्यम और मृदुल के साथ रहते थे. कमलेश ने घर के अगले हिस्से के ग्राउंड व फस्र्ट फ्लोर पर दफ्तर बना रखा था. बताया जाता है कि शुक्रवार दोपहर कमलेश के मोबाइल पर किसी युवक ने कॉल किया और उनसे मुलाकात करने की इच्छा जताई. युवक का कहना था कि वह समुदाय विशेष की लड़की से शादी करना चाहता है, जिसमें उन्हें उनकी मदद चाहिए. कमलेश ने उन्हें दफ्तर बुला लिया. दोपहर करीब 12.15 बजे दो युवक कमलेश के दफ्तर पहुंचे. एक युवक ने भगवा रंग का कुर्ता और दूसरे ने लाल रंग का कुर्ता व सिर पर कैप लगा रखी थी. वे अपने साथ मिठाई का डिब्बा भी लेकर पहुंचे थे.

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मिठाई के डिब्बे में लाए थे पिस्तौल, चाकू
दफ्तर पहुंचने पर कमलेश ने उन युवकों से बातचीत शुरू की. इसी बीच उन्होंने युवकों के लिए घर से चाय व दही बड़ा मंगवाया. युवकों ने चाय तो पी ली लेकिन, दही बड़ा नहीं खाया. चाय पीने के बाद दफ्तर में मौजूद कमलेश की पार्टी के कार्यकर्ता सर्वराष्ट्रजीत को उन युवकों ने 200 रुपए का नोट दिया और चार सिगरेट लाने को कहा. सर्वराष्ट्रजीत सिगरेट लेकर लौटा तो कमलेश ने उसे 100 रुपए दिए और पान मसाला लाने को कहा. सर्वराष्ट्रजीत मसाला लेने निकला इसी दौरान उन युवकों ने मिठाई के डिब्बे से चाकू व पिस्टल निकाला और कमलेश तिवारी पर हमला बोल दिया. हमलावरों ने कमलेश को एक गोली मारने के बाद बड़ी ही बेरहमी से गला रेत दिया. इसके बाद उन्होंने चाकू से कमलेश के शरीर को गोद डाला. इसके बाद हमलावर मौत की पुष्टि करने के बाद मौके से फरार हो गए. हालांकि, इस दौरान वे पिस्टल मौके पर ही छोड़ गए. वहीं एक खोखा मौके से मिला है.

मेज के पीछे पड़े थे
मसाला लेकर सर्वराष्ट्रजीत वापस लौटा तो दफ्तर खाली था. न तो वे युवक थे और न ही कमलेश तिवारी. पहले तो उसे कुछ समझ न आया, लेकिन शक होने पर उसने मेज के पीछे झांका तो नजारा देख उसके होश उड़ गए. मेज के पीछे जमीन पर कमलेश तिवारी खून से लथपथ पड़े हुए थे. उनका गला रेता हुआ था, जबड़े में गोली मारी गई थी और शरीर मे कई जगह चाकू से गोदने के निशान थे. यह देख सर्वराष्ट्रजीत ने शोर मचाया. शोर सुनकर दफ्तर के बाहर बैठा गनर व घर में मौजूद पत्नी व बेटे भागकर वहां पहुंचे. उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन कमलेश तिवारी को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

भड़क उठे समर्थक
कमलेश तिवारी की मौत की सूचना मिलने पर उनके समर्थक भड़क उठे. उन्होंने खुर्शेदबाग, फतेहगंज में दुकानें बंद करा दीं. इसके बाद सैकड़ों समर्थक मर्च्युरी पर जमा हो गए और पक्का पुल चौराहा पर रोड जामकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने रोड से गुजर रही रोडवेज बस व कुछ अन्य वाहनों पर पथराव कर उसके शीशे भी तोड़ दिये. जानकारी मिलने पर एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन, वे हत्यारों की अरेस्टिंग से पहले कुछ भी सुनने को तैयार न थे. खबर लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था.

विवादित टिप्पणी पर लगा था रासुका
हिंद महासभा नेता कमलेश तिवारी ने 2 दिसंबर 2016 को प्रेस रिलीज जारी कर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद देशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे और कई जगह एफआईआर भी दर्ज की गई थीं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर उन पर रासुका लगा दिया था. हालांकि, उन पर रासुका लगाए जाने के खिलाफ परिजनों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सितंबर 2016 में हाईकोर्ट के आदेश पर उन पर से रासुका हटा लिया गया था. उधर, उनकी इस बयानबाजी पर बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने का फतवा जारी करते हुए इनाम भी घोषित किया था.

हत्या के संबंध में हमे कुछ सुराग हाथ लगे हैं. केस की जांच के लिये एसटीएफ को भी लगाया गया है. उम्मीद है कि 48 घंटे के भीतर हम हत्यारों को पकड़ लेंगे. - ओपी सिंह, डीजीपी

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