पुरी (पीटीआई)। ओडिशा के पुरी में आज मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है। इस सैकड़ों साल की परंपरा को कल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति दी है। इस दाैरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने वाले सभी नियमों का कड़ाई से पालन होगा। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने कहा कि सोमवार की रात 9 बजे से बुधवार दोपहर दो बजे तक कर्फ्यू जैसा बंद रखा जाएगा।

जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई उन्हें ही रथ खींचने की अनुमति

डीजीपी ने यह भी कि नौ दिवसीय त्योहार के दौरान पुलिस की 50 प्लाटून्स (एक प्लाटून में 30 सिपाही) तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं। इस दाैरान जो भी जिन पुजारी और पुलिस कर्मियों को रथ को खींचने में भागीदारी करनी थी उनका सोमवार रात को कोरोना टेस्ट किया गया। इसमें जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई उन्हें ही इसमें शरीक होने की अनुमति दी गई है। इस साल मंदिर के सेवादारों और पुलिस कर्मियों सहित 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी गई है।

भगवान बलभद्र का 'तलध्वज' 14 पहियों के साथ 44 फीट ऊंचा

पुरी में तीन देवताओं को तीन पारंपरिक रूप से लकड़ी के रथ नंदीघोष (जगन्नाथ के लिए), तल्धवाज (बलभद्र के लिए) और देवदालन (सुभद्रा के लिए) ले जाया गया। रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग तीन किमी दूर है। इन रथों को बेहद खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। भगवान जगन्नाथ का रथ 45 फीट ऊंचा 'नंदीघोष' 16 विशाल लकड़ी के पहियों के साथ खड़ा है। वहीं भगवान बलभद्र का 'तलध्वज' 14 पहियों के साथ 44 फीट ऊंचा है।

लाखों भक्तों को टेलीविजन पर रथ यात्रा देखने का मौका मिला

देवी सुभद्रा का दर्पदलन 12 पहियों के साथ 43 फीट ऊंचा है। गजपति महाराजा दिब्यसिंह देव ने रथों को खींचने से पहले एक विशेष 'छेरा पंहरा' की रस्म एक सुनहरी झाड़ू से की। इस दाैरान लाखों भक्तों को टेलीविजन पर रथ यात्रा देखने का मौका मिला। इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।

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