-धरोहरों के दीवार को खुरेदकर अपना नाम लिख रहे लोग

-जरासंघ अखाड़े से दुधिया मिट्टी खोद कर ले जा रहे ग्रामीण

PATNA/ BIHARSHARIFF: पर्यटन और ऐतिहासिक धरती राजगीर के पर्यटक और धार्मिक धरोहरों का सुरक्षा खतरे में है। समय रहते प्रशासन अगर इन धरोहरों की सुरक्षा एवं संरक्षा पर ध्यान नहीं दिया तो, कहना गलत नहीं होगा कि राजगीर के धार्मिक धरोहर इतिहास के पन्नों में दब कर रह जाएंगे। राजगीर में यूं तो ऐतिहासिक धरोहरों की बहुतायत है। परन्तु इनमें से जो कुछ खास है वह भी अपने हाल पर दो-दो आंसू बहाने को विवश है। प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह है कि धरोहरों के साथ जब चाहे, कुछ भी कर सकते हैं।

प्रशासनिक उदासीनता से छत पर पहुंच रहे लोग

यदि प्रमाण देखना है तो प्राचीन स्वर्ण भंडार और जरासंध का अखाड़ा, विम्बिसार का जेल आएं। प्रशासनिक उदासीनता के कारण ही लोग इन धरोहरों के छत पर चढ़ जाते हैं। इसके ऊपरी छत को पत्थर या अन्य वस्तु से खुरेदकर अपना नाम लिख रहे हैं। इस वजह से ऐतिहासिक दीवार की सुन्दरता तो नष्ट हो ही रही है, धीर-धीरे दीवार भी कमजोर होता जा रहा है। इस कारनामे पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है।

शंख लिपि को बिगाड़ रहे लोग

स्वर्ण भंडर पर शंख लिपि में कुछ लिखा है। शंख लिपि के पास भी लोग अपना नाम लिख उसे बिगाड़ रहे हैं। इसी तरह प्राचीन जरासंध का अखाड़ा भी इन दिनों लोगों के निशाने पर है। यहां के दुधिया मिट्टी को खोद कर लोग घर तक ले जा रहे हैं। पूछे जाने पर डिविजनल कार्यालय राजगीर के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि इस विषय में मैं कोई जवाब नहीं दे सकता। इसके लिए हमारे ऊपर के अधिकारी ही कुछ बोल सकते हैं।

मुझे इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि यदि ऐसा है, तो इस मामले की जांच करेंगे। इसके बाद कार्रवाई होगी। दीवार खुरेदने व मिट्टी खुदाई की छूट किसी को नहीं है।

-ज्योति लालनाथ सिंहदेव, एसडीओ, राजगीर