लखनऊ (पीटीआई / ब्यूरो)। कानपुर के बिकरु में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पहुंची पुलिस ने आज उसका घर जमींदोज किया है। घर ढहाने में उसी जेसीबी का इस्तेमाल हुआ है जिससे उसने पुलिस का रास्ता रोका था। इस मामले में प्रशासन काफी अलर्ट है। चौबेपुर थानाध्‍यक्ष विनय तिवारी की इस मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते सस्‍पेंड कर दिया गया है। एसटीएफ भी इस मामले में पूछताछ कर रही है। पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ हत्या समेत गंभीर धाराओं में दर्ज किया है। वहीं कल हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए किए गए एनकाउंटर में शहीद 8 पुलिस कर्मियों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र का आज शनिवार भैरवघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। देवेंद्र मिश्रा को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी है।


25 टीमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश करने में जुटीं
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक, मोहित अग्रवाल ने शनिवार को पीटीआई से कहा हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उनके सहयोगियों को पकड़ने के लिए 25 टीमों का गठन किया गया है, जो राज्य के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों में भी छापेमारी कर रही हैं। पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि निगरानी टीम 500 से अधिक मोबाइल फोन को स्कैन कर रही है और दुबे से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।
विकास दुबे पर रखा गया 50,000 रुपये का नकद इनाम
विकास दुबे लगभग 60 आपराधिक मामलों काे अंजाम दे चुका है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स भी इसमें शामिल हो गई है। महानिरीक्षक ने यह भी कहा कि विकास दुबे के बारे में जानकारी देने के लिए 50,000 रुपये का नकद इनाम घोषित हुआ है। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में घायल हुए सात पुलिसकर्मियों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर है।
एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की
पुलिस ने शुक्रवार देर रात लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में विकास दुबे के घर छापा मारा था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए शुक्रवार को कानपुर पहुंचे और शोक संतप्त परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। पेंशन के अलावा प्रत्येक शोक संतप्त परिवारों के एक सदस्य को एक सरकारी नौकरी देने की को घोषणा की है।
छत से गोलीबारी शुरू करने के साथ पुलिसकर्मियों पर पथराव
बता दें कि शुक्रवार सुबह 3.30 बजे पुलिस टीम में लगभग 50 पुलिस कर्मी शामिल थे, जो विकास दुबे की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद बिकरु उसके गांव गए थे। बताया जा रहा कि बदमाशों ने पुलिस वालों का रास्ता रोकने के लिए एक जेसीबी मशीन रास्ते में खड़ी कर दी थी। बदमाशों ने घर की छत से गोलीबारी शुरू करने के साथ पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। इस घटना में करीब 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और कई घायल हैं। विकास दुबे ने अक्टूबर 2001 में शिवली पुलिस स्टेशन के अंदर भाजपा नेता व तत्कालीन अनुबंध श्रम बोर्ड के अध्यक्ष संतोष शुक्ला को गोली मारकर माैत के घाट उतार दिया था।

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