-वरिष्ठ रंगकर्मी व साहित्यकार नंदल हितैषी हार्ट और किडनी इंफेक्शन की समस्या से थे ग्रसित, नाती ने दी मुखाग्नि

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PRAYAGRAJ: वरिष्ठ हो या नवोदित रंगकर्मी हर किसी के सुख दु:ख में शामिल होकर प्रेरित करने, जीने की ललक पैदा करने वाले शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी और साहित्यकार 73 वर्षीय नंदल हितैषी का गुरुवार को निधन हो गया. हार्ट और किडनी इंफेक्शन की समस्या से जूझ रहे श्री हितैषी अपने पीछे पत्‍‌नी व तीन बेटियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए. उनके निधन की सूचना से साहित्यकारों व रंगकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई. शुभचिंतक उनके छोटा बघाड़ा स्थित आवास पर पहुंचे. शाम को उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया गया. उनकी बेटी के लड़के ने चिता को मुखाग्नि दी.

वरिष्ठ साहित्यकार रहे मौजूद

इस मौके पर हिन्दुस्तानी एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह, डॉ. श्लेष गौतम, गीतकार यश मालवीय, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रंजन भौमिक, कथाकार शिवमूर्ति सिंह, प्रो. अनीता गोपेश, डॉ. अनुपम आनंद, मुनेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, तलब जौनपुरी, विभूति मिश्रा सहित शहर की कई नाट्य संस्थाओं से जुड़े रंगकर्मी मौजूद रहे.

'बोलती दीवारें' को मिला था सर्वोच्च सम्मान

उप्र पुलिस विभाग में वर्ष 2006 में वायरलेस केन्द्राधिकारी के पद से रिटायर होने के बाद श्री हितैषी ने आधा दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी थी. तृतीय कविता संग्रह बोलती दीवारें के लिए उन्हें पिछले वर्ष शासन द्वारा एक लाख रूपए के महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया था. उनका पहला कविता संग्रह 'दो पीढि़यों का अभियान' व द्वितीय कविता संग्रह 'बेहतर आदमी के लिए' था.

एकेडेमी सहित अन्य ने दी श्रद्धांजलि

वरिष्ठ रंगकर्मी नंदल हितैषी के निधन पर हिन्दुस्तानी एकेडेमी में शोकसभा का आयोजन किया गया. एकेडेमी पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. एकेडेमी कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने उनके व्यक्तित्व और आयोजनों में किए गए कुशल संचालक पर प्रकाश डाला. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक के पदाधिकारियों ने शोकसभा कर दो मिनट का मौन रखा. हंसवाहिनी के महासचिव शैलेन्द्र मधुर ने कहा कि उनके जाने से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. आभा श्रीवास्तव, सुधीर अग्निहोत्री, अमित जौनपुरी, संजय शेखर पांडेय आदि मौजूद रहे.