पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Holashtak 2022 : फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर होलिका दहन तक के समय को होलाष्टक माना जाता है। इस बार यह 10 मार्च से 18 मार्च तक रहेंगे। 10 मार्च को अन्नपूर्णा-अष्टमी भी है। इस दिन बुध शतभिषा नक्षत्र में सांय 7:43 बजे प्रवेश करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों शुभ मांगलिक कार्य करना निषेध माना गया है। इस दौरान शुभ कार्य करने पर अपशगुन होता है। होलाष्टक के दिन से होलिका पूजन करने के लिए होलिका वाले स्थान को साफ कर सूखे उपले,सूखी लकड़ी,सूखी घास व होली का डंडा गाड़ देते हैं, डंडा गाड़ देने के पश्चात उसका पूजन किया जाता है। इस दिन आम की मंजरी तथा चंदन मिलाकर खाने का बड़ा महत्व है।
हालांकि इस बार कई शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक का चंद्रमा पीड़ित अवस्था में हो, नीचस्थ अथवा त्रिक भाव में हो ऐसे जातकों को इस समय में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार इस पूर्णिमा तिथि से पूर्व के आठ दिनों में मष्तिष्क में कुछ दुर्वलता एवं बेचैनी बढ़ती है इसके साथ दुःख अवसाद और निराशा का प्रभाव बढ़ने लगता है। इन आठ दिनों में सोलह संस्कार पूणतया वर्जित है केवल प्रसूति निवारण कर्म, जात कर्म,अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इन दिनों विवाह मुहूर्त एवं अन्य संस्कारों के मुहूर्त नहीं होते हैं। हालांकि इस बार कई शुभ योग होने के प्रेमी युगल प्रभु दर्शन कर,कामदेव को प्रसन्न कर अपने प्रेम तथा सफल दाम्पत्य जीवन की कामना एवं प्रार्थना इस विशेष योग में करें लाभ होगा।