कानपुर। हर्ष कहते हैं, मैं होली कम खेलता हूं। मुझे सिर्फ गुलाल पसंद है। इसलिए गुलाल से बस टीका लगा लेता हूं। मुंबई में पानी की दिक्कत होती रहती है, ऐसे मेंपानी को बचाकर रखना ही बेहतर है। त्योहार को मनाने के और भी तरीके हैं। रंग लगाए बिना भी होली मनाई जा सकती है। पर्यावरण का ख्याल रखना जरूरी है। आज अगर मैं ऐसा सोचूंगा तो मेरी आने वाली पीढ़ी भी ऐसा ही सोंचेगी। हालांकि कुछ दोस्त घर पर आकर रंग लगा ही देते हैं। इस बार कोशिश है कि हम गोवा निकल जाएंगे।

होली में रंग जाते थे हम

भारती कहती हैं कि होली से जुड़ी मेरी बहुत सी यादे हैं। मैं छोटे शहर से हूं। वहां हर त्योहार बड़े अच्छे से मनाए जाते हैं। मेरा मानना है कि ऊंचे और पक्के मकानों में त्योहार कम हो जाते हैं। हम सारे दोस्त, पड़ोसी व रिश्तेदार साथ मिलकर एक-दूसरे को रंग लगाते थे। मैं होली में रंगों से बिल्कुल पुत जाती थी। चेहरे और शरीर पर रंग लगे होने के कारण मां पहचान ही नहीं पाती थीं कि भीड़ में कौन सी लड़की उनकी बेटी है। हम गुब्बारों में पानी भरकर एक-दूसरे पर फोड़ते थे। अब लगता है कि बहुत पानी बर्बाद किया। हालांकि तब समझ नहीं थी। अब पता चलता है कि एक-एक बूंद पानी की कीमत क्या है। अब जब बिल्डिंग में नोटिस आता है कि आज इस वक्त तक पानी नहीं आएगा, तब अजीब सी चिंता होने लगती है साथ ही तब ज्यादा प्यास लगने लगती है।

भारती हर महिला के लिए प्रेरणा

हर्ष कहते हैं कि भारती उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो बॉडी शेमिंग की वजह से खुद को काबिल नहीं समझती हैं। भारती को प्यार करने का बहुत बड़ा कारण है। वह अंदर से भी मजबूत हैं। खुद की कमजोरी को ताकत बनाकर आगे बढ़ने की बातें तो हम अक्सर सुनते हैं। वैसे हम चाहे कितना भी कह लें, लेकिन मोटापा कमजोरी है। वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर पढ़ने में अच्छा लगता है कि बॉडी शेमिंग कुछ नहीं होती है, लेकिन कभी वह जीकर देखो तब पता चलता है। भारती वह जीती आई हैं। भारती ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाने के लिए बहुत मेहनत की है। पांच साल पहले मैं चार बजे रात को शूटिंग से पैकअप करने के बाद अगले दिन सुबह सात बजे दूसरे शो में जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता हूं, लेकिन भारती जाती थीं। मैं सभी महिलाओं से यही कहूंगा कि भारती के सिर्फ जोक्स ही न सुनो, उसकी मेहनत देखकर अपने जीवन में बदलाव लाएं। मैं और भारती काफी वक्त से डिनर पर नहीं गए हैं। मैं लेखक भी हूं। इसलिए थोड़ा व्यस्त रहता हूं। हालांकि भारती कभी इन बातों की शिकायत नहीं करती हैं। भारती से शादी के बाद मेरी जिंदगी में एक ठहराव आ गया है।

मां हैं मेरी आदर्श

भारती कहती हैं कि मैंने अपनी मां को देखकर सीखा है कि जब काम मिले तो उसे मना नहीं करना चाहिए। बहुत से लोग घर में बिना काम के बैठे रहते हैं। यही वजह है कि शूटिंग पर मैं वक्त पर पहुंचती हूं। कई बार अगर हर्ष देर कर रहे होते हैं तो मैं उन्हें छोड़कर दूसरी गाड़ी में निकल जाती हूं। मेरी मम्मी हमेशा से वक्त की पाबंद रही हैं। आज भी जब हम कहीं घूमने जाते हैं तो वह हमें एयरपोर्ट पर काफी पहले ही लेकर पहुंच जाती हैं। वह कहती हैं कि वहां जाकर भले ही पहले बैठ जाओ, लेकिन भागते हुए पहुंचना सही नहीं है। भारती की मां हमेशा कहती हैं कि पैसा कमाना आसान है, लेकिन इज्जत कमाना बहुत कठिन है।

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