Holi 2020: होलिका दहन के दौरान अहंकार के साथ जन्मपत्रिका में व्याप्त विभिन्न देशों को भी दूर किया जा सकता है। यदि परिवार के मुखिया अपनी राशि के अनुसार होलिका को लगाएं तो काफी बाधाएं भस्म हो जाती हैं। इनमें से अनजानी गलतियों के साथ जन्म पत्रिका में केमद्रुम योग दूर होता है।

राशियों के अनुसार होलिका की पूजन का मुहूर्त-

मेष राशि के लिए 8:33 से 8:38 तक होलिका का पूजन

वृष राशि के लिए 8:38 से 8:41 तक पूजन

मिथुन राशि के लिए 8:43 से 8:44 तक होलिका का पूजन

कर्क राशि के लिए 8:48 से 8:52 तक होलिका का पूजन

सिंह राशि के लिए 8:48 से 8:55 तक होलिका का पूजन

कन्या राशि के लिए 8:59 से 9:35 तक होलिका का पूजन

तुला राशि के लिए 8:35 से 8:39 तक का पूजन

वृश्चिक राशि के लिए 8:42 से 8:45 तक होलिका का पूजन

धनु राशि के लिए 8:36 से 8:40 तक होलिका का पूजन

मकर राशि के लिए 8:43 से 8:48 तक का होलिका का पूजन

कुंभ राशि वालों के लिए 8:30 से 8:43 तक होलिका का पूजन

मीन राशि के लिए 8:30 से 8:56 तक का होलिका का पूजन

होलिका पूजन का मुहूर्त भारत के विश्व भारत के विश्वत रेखा गुजरने वाली रेखा बनारस से निर्धारण किया गया है

होलिका की परिक्रमा न करने से दोष होते हैं। जन्मपत्रिका के दोष को हटाने के लिए होलिका को पूजें। केवल हलिका को पूजने से ही नहीं बल्कि गन्ना जलाकर के उसके चारोंओर घूमाना चाहिए। होलिका में परिक्रमा करने से भी जन्म पत्रिका के विभिन्न प्रकार के दोष मिट जाते हैं। कई ग्रह ऐसे हैं जो होलिका में अशुभ प्रभाव डालते हैं। ऐसे में यदि राशि शुभ अंक के आधार पर होलिका को लगाए व जलाएं तो उन ग्रहों की बाधाएं दूर हो जाती हैं। इससे आपके जीवन में कई रुके हुए महत्वपूर्ण कार्य अचानक पूर्ण हो जाते हैं। कई जगह पर फंसा हुआ धन अप्रत्याशित तरीके से प्राप्त होता है और जीवन में कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।

राशि वार परिक्रमा लगाएं

यदि आप की मेष राशि है तो 9 परिक्रमा होलिका की करें

यदि आपकी वृष राशि है तो 11 परिक्रमा करें

मिथुन राशि है तो 7परिक्रमा करें और

कर्क राशि है है तो 28 परिक्रमा करें

सिंह राशि है तो 21 परिक्रमा करें

कन्या राशि है तो 7 परिक्रमा करें

तुला राशि है तो 21 परिक्रमा करें

वृश्चिक राशि है तो 28 परिक्रमा करें

धनु राशि है तो 23 परिक्रमा करें

मकर राशि है तो 15 परिक्रमा करें

कुंभ राशि है तो 25 परिक्रमा करें और

मीन राशि है तो 27 परिक्रमा करें

होलिका पूजन की विधि

रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, हल्दी, बतासे और एक लोटा जल अपने पास रखने होलिका दहन वाले स्थान पर अपना नाम पिता का नाम गोत्र का नाम और भगवान गणेश का ध्यान करें। इसके बाद मां अंबिका भगवान विष्णु और भोलेनाथ का ध्यान करें। भक्त पहलाद का नाम लें और फूलों से पूजन करें। हाथ जोड़कर मानसिक रूप से समस्त मनोकामनाएं मांगें। अंत में जल रही होली पर लोटे का जल चढ़ाना चाहिए। तत्पश्चात इसकी राख को घर में लाया जाता है। यदि आप फूल का की रात को घर पिलाते हैं और समस्त लोगों को प्रसाद स्वरूप ग्रह के आता है तो निश्चित रूप से रोक और शोक से मुक्ति मिलेगी

- पंडित दीपक पांडेय