(1) गया :- श्राद्ध करने की सबसे महत्वपूर्ण और उपयुक्त जगह 'गया' है। बिहार का यह धार्मिक शहर गया खासतौर से पिंडदान करने के लिए ही जाना जाता है। कहा जाता है कि जिसने गया में श्राद्ध कर दिया, उसे हर साल अपने पूर्वजों को पिंडदान नहीं करना पड़ता। गया में किया गया श्राद्ध सर्वोत्तम होता है जिससे पित्रों की आत्माओं को शांति मिल जाती है। रामायण और महाभारत में भी इस स्थल की गयापुरी नाम से व्याख्या की गई है।     

भारत में श्राद्ध कर्म के लिए 7 तीर्थ

(2) वाराणसी :- उत्तर प्रदेश का बनारस शहर भारत का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां पर भी पितृ पक्ष का आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से लोग यहां आकर पिंडदान करते हैं। बनारस के घाट तो दुनियाभर में फेमस तो हैं ही, साथ ही यहां अस्थि विसर्जन और श्राद्ध जैसे कर्म-कांड भी किए जाते हैं।

भारत में श्राद्ध कर्म के लिए 7 तीर्थ

(3) बद्रीनाथ :- बद्रीनाथ भगवान शिव का स्थल माना जाता है। भोले बाबा के लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। यहां कई पूजा और अन्य कर्म-कांड आयोजित किए जाते हैं। यहां पर सबसे मशहूर ब्रह्म कपाल घाट में काफी अधिक संख्या में पिंडदान किए जाते हैं। यहां से निकलने वाली अलखनंदा नदी पर यह आयोजन होता है और लोग अपने पितरों के लिए प्रार्थना करते हैं।

भारत में श्राद्ध कर्म के लिए 7 तीर्थ

(4) इलाहाबाद :- इलाहाबाद तो ऐसा स्थल है, जहां गंगा, यमुना का संगम होता है। भाद्र शुक्लपक्ष की अनंत चतुर्दशी को यहा काफी बड़ा पितृ पक्ष मेला लगता है। अलग-अलग जगहों से लोग यहां आकर अपने पूर्वजों और पितरों का पिंडदान करते हैं।

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(5) कुरुक्षेत्र :- हरियाणा का कुरुक्षेत्र भी हिंदु मान्यताओं के अनुसार सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां पर भी पिंड दान करने लोग दूर-दूर से आते हैं।

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(6) मथुरा :- भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा भी काफी फेमस है। यहां पर आपको हर जगह कृष्ण के उपासक नजर आएंगे। यही नहीं भगवान कृष्ण के कई खूबसूरत मंदिर भी यहां देखने को मिलेंगे। यहां पर वायुतीर्थ पर पिंडदान किया जाता है। लोग अपने पूर्वजो का पिंडदान करके उनकी आत्माओं को तृप्त करते हैं।

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(7) जगन्नाथ पुरी :- आमतौर पर पुरी की पहचान जगन्नाथ रथ यात्रा के तौर पर जानी जाती है। यह रथ यात्रा काफी बड़ी होती है। लेकिन यहां पर पितरों को पिंडदान भी किया जाता है। उड़ीसा में स्थित पुरी का अपना अलग महत्व है।

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