- दैनिक भत्ता बढ़ने के बाद अन्य जिलों ने राजधानी को होमगार्ड देने से हाथ किये खड़े
- 1195 के विपरीत इस माह आवंटित हुए सिर्फ 354 होमगार्ड
- फेस्टिव सीजन में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराने की आशंका
pankaj.awasthi@inext.co.in
LUCKNOW: नवरात्रि शुरू होते ही फेस्टिव सीजन का आगाज हो गया है। शहर की सड़कों पर भीड़ उमड़ेगी लेकिन, इस दौरान ट्रैफिक संभालने के लिये ट्रैफिक पुलिस के हाथ खाली समझिए। वजह भी साफ है, इस बार लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक संभालने के लिये मिलने वाली होमगार्डो की फौज में भारी कटौती की गई है। दरअसल, हर माह मिलने वाले 1195 होमगार्ड के मुकाबले इस माह सिर्फ 354 होमगार्डो से ही काम चलाना होगा। होमगार्डो की किल्लत की वजह यह है कि जो जिले राजधानी के ट्रैफिक को संभालने के लिये अपने कोटे के होमगार्ड देते थे, उन्होंने इस माह हाथ खड़े कर दिये हैं। यानी अब अक्टूबर माह में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराने की पूरी आशंका है। जब इस बारे में एसपी ट्रैफिक पूर्णेदु सिंह से जानकारी मांगी गई तो वे इस पर कुछ भी बोलने से कतराते दिखे।
दूसरे जिलों से मिलते थे 692 होमगार्ड
राजधानी की आबादी को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस में स्टाफ की भारी कमी है। इस वक्त ट्रैफिक पुलिस के पास 9 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 31 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, 41 हेडकॉन्सटेबल व 326 कॉन्सटेबल उपलब्ध हैं। जबकि स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिये उसे प्रति माह 1195 होमगार्ड आवंटित किये जाते थे। इन होमगार्ड्स में से लखनऊ पुलिस से उसे 395 होमगार्ड्स के अलावा अन्य जिलों मसलन बाराबंकी से 51, कानपुर से 32, सीतापुर से 25 और सिद्धार्थनगर, लखीमपुर व बहराइच से कुल मिलाकर 692 होमगार्ड मिलते थे।
भत्ता बढ़ने से कटौती
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा होमगार्डो का भत्ता सिपाही के न्यूनतम वेतन के बराबर 672 रुपये निर्धारित कर दिया। चूंकि, होमगार्डो के लिये बजट सरकार पहले ही निर्धारित कर चुकी थी, लिहाजा बजट के मुताबिक होमगार्डो की ड्यूटी में कटौती कर दी गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि लखनऊ को छोड़कर अन्य जिलों ने ट्रैफिक पुलिस को होमगार्ड देने से हाथ खड़े कर दिये। लिहाजा अब ट्रैफिक पुलिस के पास चौराहों, तिराहों व डिवाइडर कट पर तैनात करने के लिये होमगार्डो की किल्लत हो गई है।
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कई जगह नहीं लग सकेगी ड्यूटी
राजधानी में इस वक्त 546 चौराहे, तिराहे व डिवाइडर कट नोटिफाइड हैं। जबकि, इनमें से सिर्फ 193 चौराहों, तिराहों व डिवाइडर कट पर ही ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिये ट्रैफिक कॉन्सटेबल या होमगार्ड की ड्यूटी लग पाती है। ऐसे में होमगार्डो की किल्लत से इनमें से अधिकांश जगहों पर ड्यूटी लगाने को स्टाफ ही मौजूद नहीं होगा। जिससे फेस्टिव सीजन में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराने की आशंका है।
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लखनऊ ट्रैफिक पुलिस एक नजर में
टीआई टीएसआई हेड कॉन्स। कॉन्सटेबल
स्वीकृत 10 43 137 777
उपलब्ध 09 31 187 326
रिक्त 01 12 +50 451
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कहां से कितने होमगार्ड (अगस्त माह)
लखनऊ 395
बाराबंकी 51
कानपुर 32
सीतापुर 25
उन्नाव
सिद्धार्थनगर 692
लखीमपुर
बहराइच
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इस बार लखनऊ पुलिस से मिले 354 होमगार्ड