- एमएमएमयूटी में और एक्टिव हुई होम्योपैथी की डिस्पेंसरी

- फ्री ऑफ कॉस्ट किया जाता है स्टूडेंट्स का चेकअप, दी जाती है मेडिसिन

GORAKHPUR: एमएमएमयूटी एक ओर जहां एजुकेशन पर फोकस कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्टूडेंट्स की हेल्थ को लेकर भी सीरियस नजर आ रहा है। यही वजह है कि एलोपैथी डिस्पेंसरी के बाद अब होम्योपैथी डिस्पेंसरी भी काफी एक्टिव हो गई है। यहां पर अब हल्की-फुल्की प्रॉब्लम्स के लिए स्टूडेंट्स अपना इलाज कराने के लिए पहुंचने लगे हैं। काफी दिनों से डिस्पेंसरी होने के बाद भी यहां नाम मात्र की फैसिलिटी थी और स्टूडेंट्स भूले भटके ही यहां आ जाते थे। यूनिवर्सिटी बनने के बाद इसमें और भी सुधार आया है और एक्टिव वे में स्टूडेंट्स की जांच की जा रही है।

गैस का सटीक इलाज

लोगों का ऐसा मानना है कि होम्योपैथी के थ्रू इलाज कराने से बीमारी जड़ से चली जाती है। आम तौर पर दिन भर पढ़ने के लिए इधर-उधर दौड़ लगाने की वजह से अक्सर स्टूडेंट्स अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते, जिस वजह से गैस की प्रॉब्लम हो जाती है। गैस का परमानेंट ट्रीटमेंट होम्योपैथी में अवेलबल है। एमएमएमयूटी में डॉ। विजय सिंह होम्योपैथी डिस्पेंसरी की कमान संभाले हुए हैं और डेली कई स्टूडेंट्स का इलाज कर रहे हैं।

पहले एलोपैथी का स्टूडेंट्स करते थे यूज

एमएमएमयूटी कैंपस में स्टूडेंट्स को मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराने के लिए डिस्पेंसरी मौजूद है। इसमें स्टूडेंट्स प्राइमरी रिलीफ के लिए एलोपैथी का यूज करते थे। स्टूडेंट्स की मानें तो उस दौरान होम्योपैथी डिस्पेंसरी इतनी एक्टिव नहीं थी, इसलिए स्टूडेंट्स सिर्फ एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते थे। पिछले कुछ दिनों से होम्योपैथी डिस्पेंसरी भी एक्टिव हुई है, जिससे वह अब होम्योपैथी इलाज के लिए जा रहे हैं।

होम्योपैथी डिस्पेंसरी काफी दिनों से वर्क कर रही है। हां, पहले के मुकाबले यह काफी एक्टिव हो गई है। स्टूडेंट्स भी अपना इलाज कराने के लिए डिस्पेंसरी जा रहे हैं।

- केपी सिंह, रजिस्ट्रार, एमएमएमयूटी