-एक के बाद एक वारदातें आ रही हैं सामने

-पुलिस अफसरों की अनदेखी बन रही बड़ी वजह

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BAREILLY: झूठी शान की खातिर ऑनर किलिंग बरेली में आम बात होती जा रही है। इसे बरेली के माथे पर कलंक कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। बीते महीनों के आंकड़ों की छोड़ें, महज क्7 दिनों में ऑनर किलिंग की चार वारदातें सामने आ गई हैं, लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि यह वारदातें अचानक की कोई प्रतिक्रिया हैं। हर एक ऑनर किलिंग के पीछे गुस्सा या बदले की आग सुलग रही होती है, जिसके बारे में बीट पुलिस से लेकर थाना प्रभारी तक सभी वाकिफ होते हैं, लेकिन वह समय रहते इन मामलों में जरूरी कदम नहीं उठाते हैं और आखिरकार ऑनर किलिंग की एक और वारदात सामने आ जाती है।

7 महीने में 7 ऑनर किलिंग

यह सिर्फ 7 केस नहीं हैं, जिनमें झूठी शान के खातिर हत्याएं की गई हैं। इस तरह के कई मामले इस वर्ष बरेली में हो चुके हैं। कई मामले सामने नहीं आए हैं तो कई में पहले ही बीमारी का बहाना बनाकर प्रेमिका के शव को दफना दिया गया। यही नहीं आए दिन प्रेमी-प्रेमिका पुलिस दफ्तर के चक्कर लगाते हैं, कि उनके घरवाले शादी के खिलाफ हैं, उनकी हत्या कर सकते हैं। कई तो हाईकोर्ट का आदेश भी लेकर पहुंचते हैं ताकि उन्हें सिक्योरिटी ि1मल सके।

वारदात के बाद दिखाते हैं एक्शन

यदि पुलिस समय रहते एक्शन ले तो ऑनर किलिंग की वारदातों को काफी हद तक रोका जा सकता है। मामले की जानकारी होने के बाद यदि पुलिस दोनों पक्षों को साथ लेकर वार्ता से मामले को सुलझाने का प्रयास करते तो संभव है कि इस तरह के मामलों में कुछ कमी आए, लेकिन ऐसा करने की बजाए थाना पुलिस आंखें बंद किए रहती है और जब वारदात हो जाती है तो पुलिस एक्शन लेती है और फिर आरोपी का पूरा परिवार ही पुलिस के निशाने पर आ जाता है। फिर पुलिस कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ती है।

पुलिस को रखनी होगी नजर

कई मामले ऐसे होते हैं, जो पुलिस के सामने नहीं आ पाते हैं लेकिन कई मामले ऐसे भी होते हैं जो पुलिस के संज्ञान में आ जाते हैं। कई मामलों में प्रेम प्रसंग में बहला-फुसलाकर अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज करायी जाती है। इसके अलावा कई अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाते हैं। इन सभी पर पुलिस की नजर होनी चाहिए ताकि कोई हत्या का कदम न उठाए।

 

केस 1-13 अक्टूबर को देवरनियां के दमखोदा गांव में झूठी शान के खातिर ही बुजुर्ग कबीर अहमद की हत्या कर दी गई। बुजुर्ग, प्रेमी का ताऊ था जो प्रेमी पर हुए हमले को बचाने पहुंचा था। प्रेमी किशोरी को भगाकर ले गया था लेकिन बाद में उसने वापस कर दिया था।

 

केस 2-29 सितंबर को अलीगंज के गैनी में झूठी शान की खातिर ही युवती विनीता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले युवती का भतीजा और भाभी थे, क्योंकि प्रेमी ने युवती को घर से भगाकर ले जाने का चैलेंज किया था।

 

केस 3-29 सितंबर को क्योलडि़या में विजय पाल की प्राइमरी स्कूल में लाश लटकी मिली थी। पहले पुलिस सुसाइड मान रही थी लेकिन जब मामले का खुलासा हुआ तो सामने आया कि युवक की हत्या उसकी प्रेमिका के घरवालों ने की थी।

 

केस 4-27 सितंबर को कैंट के क्यारा में विधवा महिला रितू सिंह की हत्या भी बदनामी के चलते की गई थी। हत्या महिला के देवर ने इसलिए की थी, क्योंकि महिला को उसने किसी के साथ देख लिया था।

 

केस 5-20 अगस्त को क्योलडि़या में सम्मान के खातिर प्रेमी जोड़े की हत्या कर दी गई थी। 19 वर्षीय माधुरी और 24 वर्षीय सुनील की लाश खेत में पड़ी मिली थी।

 

केस 6-6 जुलाई को बहेड़ी के इटौआ धुरा में 17 वर्षीय राजवीर उर्फ फूलबाबू की हत्या उसकी प्रेमिका के पिता और चाचा ने मिलकर की थी। डेढ़ महीने बाद पुलिस ने इसका का खुलासा किया था

 

केस 7- 14 अप्रैल को बहेड़ी के कंथरिया में राजमिस्त्री इमरान की हत्या भी झूठी शान के खातिर की गई थी। इमरान की हत्या उसकी प्रेमिका के देवरों ने की थी। प्रेमिका का पति पुर्तगाल में रहता था।