एमएलएन मेडिकल कॉलेज में देहदानियों को किया गया सम्मानित

PRAYAGRAJ: देहदान से बड़ा कोई दान नही। इनके दान से मेडिकल छात्रों को सीखने के साथ आम जनता को प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि शनिवार को सौ से अधिक देहदानियों को एमएलएन मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम एमएलएन मेडिकल कॉलेज और युग दधीचि देहदान अभियान, सद्धम्भ देहदान अभियान दृष्टांत की ओर से आयोजित किया गया था।

अब तक मिली 65 बॉडी

कार्यक्रम में बताया गया कि 2011 से अब तक मेडिकल कॉलेज को 65 बॉडी प्राप्त हो चुकी हैं। पिछले साल कुल आठ बॉडी मिली थीं। अब तक देहदान का संकल्प ले चुके 127 देहदानियों बुलाया गया था और इनमें से कईयों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इतना ही नही, बॉडी दान कर चुके आठ लोगों के परिजनों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। उन्हें लाल कार्ड देकर सम्मानित किया गया।

कार्ड मिल जाए तो काम बन जाए

इस दौरान कई देहदानी अथराइज्ड कार्ड की मांग करते रहे। उनका कहना था कि देहदानियों को क्रमांक दिया जाना चाहिए। इससे काफी फायदे होते हैं। सबसे अहम कि मृत्यु के बाद आसानी से बॉडी को मेडिकल कॉलेज द्वारा एक्सेप्ट कर लिया जाता है। अन्यथा डेथ सर्टिफिकेट बनने में देरी होने से परिजनों को परेशान होना पड़ता है। ऐसे में बॉडी को फ्रीजर में रखकर कागजी कार्रवाई पूरी होने का इंतजार किया जाता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना था कि उनकी ओर से ऐसी परिस्थिति में देहदानी के शरीर को फ्रीजर में रख लिया जाता है।

पहली बॉडी के परिजनों ने दी दस्तक

मेडिकल कॉलेज को पहली बॉडी शहर के रहने वाले विनोद विक्रम के पिता हरिहर प्रसाद सिंह की अक्टूबर 2012 में प्राप्त हुई थी। कार्यक्रम में उपस्थित विनोद विक्रम ने बताया कि यह उनके लिए गर्व के क्षण थे। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह, पूर्व सीएमओ डॉ। पीके सिन्हा, प्रो। एके सिंह, डॉ। बादल सिंह, युग दधीचि अभियान के मनोज सेंगर, बौद्ध कम्युन के जीएस शाक्या, बेली हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। सुषमा श्रीवास्तव सहित तमाम टीचर्स और स्टूडेंट उपस्थित रहे।