-एक छत के नीचे लाने के लिए लखनऊ में खुला शिरोज हैंगआउट

- दो लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक की दी गयी सहायता

LUCKNOW: एसिड पीडि़तों को देखकर आंखों में आंसू आ गये। खून खौल उठा ऐसे लोगों पर जिन्होंने इस तरह की कायराना हरकत की। मेरा बस चले तो इन्हें टिट फार टैट (जैसे को तैसा) की तर्ज पर जवाब दूं। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि संविधान से बंधे हुए हैं। यह कहना है हादसे में अपना एक पैर गंवाने के बावजूद एवरेस्ट फतह करने वाली अरुणिमा सिन्हा का। मंगलवार को मुख्यमंत्री के नये जनता दर्शन हाल में आयोजित महिला दिवस कार्यक्रम में एसिड अटैक की पीडि़त महिलाओं और लड़कियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर 1989 से लेकर 2014 तक की एसिड विक्टिम को दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी गयी। इसमें लखनऊ की कैसरबाग की मीना सोनी को तीन लाख रुपये। लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में रहने वाली कविता को पांच लाख रुपये का चेक दिया गया।

एनजीओ से कर रहीं मदद

इस मौके पर कई जिलों से आयीं एसिड विक्टिम ने दूसरों का हौसला भी बढ़ाया। एसिड अटैक पीडि़त 26 वर्षीय लक्ष्मी ने बताया कि वह एसिड पीडि़तों को सशक्त बनाने और उनमें आत्मसम्मान जगाने के लिए कोशिश कर रही हैं। लक्ष्मी पर उस वक्त एसिड अटैक हुआ था जब उसने अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के व्यक्ति से शादी करने से मना कर दिया था। घटना से खुद को उबारने के बाद लक्ष्मी ने एक एनजीओ बनाया। फिर नेशनल प्लेटफॉर्म पर एसिड पीडि़तों से जुड़े हुए मुद्दे उठाने शुरू किये।

'आज भी कांप जाती हूं मैं'

वहीं बिजनौर से आयी एसिड अटैक की पीडि़त शालिनी ने बताया कि उसके ऊपर 2013 में एकतरफा मोहब्बत के चक्कर में एक युवक ने उस पर तेजाब से हमला कर दिया था। उस समय वह अपने कॉलेज से लौट रही थी। शालिनी बताती हैं कि आज भी उस घटना को याद कर शरीर कांप जाता है। बहुत कोशिशों के बाद भी आज भी वह घटना जेहन में ताजा है।

इन्हें मिली आर्थिक सहायता

पीडि़त जिला मदद (लाख रुपये में)

फरहा बेगम फर्रूखाबाद 5

सोनिया चौधरी गाजियाबाद 5

शाइना परवीन गाजियाबाद 5

सुनीता लखीमपुर 10

शिल्पा लखीमपुर 5

पूनम देवी उन्नाव 5

शालिनी बिजनौर 5

बाला बिजनौर 5

रजिया कन्नौज 3

सबीना शाहजहांपुर 5

पूजा बस्ती 5

लक्ष्मी सैनी मथुरा 5

वसीमा फतेहपुर 5

जूली फतेहपुर 5

कुसुमा देवी फतेहपुर 4.5

रूपा शामली 5

तराना आगरा 5

गीता आगरा 5

नीतू आगरा 5

नर्गिस आगरा 5

आरती कानपुर 2.5

राजनिता मेरठ 5

विमला देवी रायबरेली 2.25

रुखसाना मथुरा 3

माधुरी जौनपुर 2.01

जावित्रि जौनपुर 3

सन्नो सोनकर जौनपुर 2

गाजियाबाद का सबसे पुराना केस

सबसे पुराना केस गाजियाबाद का था। यहां 27 साल पुराने केस में 45 वर्षीय सविता को पांच लाख रुपये की सहाता दी गयी। सविता के चेहरे पर 16 मई 1989 को एक मनचले ने तेजाब फेंक दिया था। पीलीभीत की अजकरा को सात लाख रुपये की सहायदा प्रदान की गयी।

शिरोज हैंगआउट का लोकार्पण

सीएम अखिलेश यादव ने नये जनता दर्शन हाल में आयोजित कार्यक्रम में एसिड पीडि़तों के लिए शिरोज हैंगआउट लखनऊ का उद्घाटन किया है। यह एक तरह का रेस्टोरेंट है। इसकी शुरुआत लक्ष्मी सैनी ने 2013 में दिल्ली में स्टॉप एसिड अटैक कैंपने की शुरुआत शिरोज हैंगआउट कैफे की स्थापना से की थी। इसका परपज, एसिड पीडि़तों को एक छत के नीचे खुशी और प्रोत्साहन देना है। साथ ही ऐसा माहौल पैदा करना है जहां से वह अपने खोये हुए आत्म विश्वास को दोबारा हासिल कर सकें।

देश में तीसरा कैफे

एसिड पीडि़तों के लिए यह देश का तीसरा कैफे है। इससे पहले दिल्ली के अलावा आगरा में भी इस तरह का कैफे शिरोज हैंगआउट खोला जा चुका है। गोमतीनगर में अम्बेडकर स्मारक के सामने लखनऊ मेट्रो के बगल में बने इस कैफे के उद्घाटन के बाद यहां राजधानी या फिर यहां आने वाली एसिड पीडि़त महिलाएं, लड़कियां अपना दुख दर्द आपस में शेयर कर सकेंगी। सीएम अखिलेश यादव ने आगरा में जब शिरोज हैंगआउट का दौरा किया था, उसी के बाद से से ही उन्होंने लखनऊ में भी एसिड पीडि़तों के लिए इस तरह के कैफे खोलने का वादा किया था। आज उस वादे पर भी अमल करते हुए उन्होंने लखनऊ में इसका उद्घाटना किया।