-मंडलीय हॉस्पिटल में बने रैन बसेरा की हालत बदतर होने से तीमारदारों को हो रही परेशानी

-बसेरे में चूहों के होने से सोना हो रहा मुश्किल, खिड़कियों में शीशे भी नदारद, रात में लग रही ठंड

दिवाली के बाद सुबह और रात में पड़ रही ठंड से लोगों के घरों में भले ही रजाइयां निकल गई हों, लेकिन सरकारी अस्पतालों में ठंड से बचाने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मंडलीय हॉस्पिटल में तो मरीजों के तीमारदारों के लिए बने रैन बसेरा का तो बहुत ही बुरा हाल है। यहां की खिड़कियों से शीशे नदारद है, जिसकी वजह से यहां सोने वाले रात में कांप जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस रैन बसेरे में तीमारदारों के बीच बड़े-बड़े दर्जनों चूहों ने भी डेरा डाल लिया है। इसकी वजह से तीमारदारों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। तीमारदारों का कहना है कि खिड़की से आती ठंडी हवा और जमीन के नीचे से आने वाले चूहों की वजह से वह सो नहीं पाते। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई है।

खोखला हो रहा बसेरा

महज कुछ साल पहले लाखों रुपए की लागत से बने इस शानदार रैन बसेरे में हालत काफी बदतर हो चुकी है। रैल बसेरे की जमीन के नीचे डेरा जमाए चूहों की वजह से मार्बल से बने फर्श का एक हिस्सा टूटकर धंस चुका है। इस हिस्से के टूटने की वजह से अब आगे के फर्श भी टूटने लगे हैं। हैरानी की बात ये है कि हॉस्पिटल प्रबंधन को इसकी जानकारी तक नहीं है।

टॉयलेट तक नहीं है ठीक

रैन बसेरा में बने टॉयलेट की हालत भी खराब हो चुकी है। तीमारदारों के लिए यहां तीन टॉयलेट बनाए गए हैं, लेकिन तीनों के दरवाजे टूट चुके हैं। यही नहीं महिलाओं के लिए बनाए गए टॉयलेट पर लंबे समय से ताला लटका हुआ है। इसकी वजह से महिला तीमारदारों को काफी परेशानी फेस करनी पड़ती है। तीमारदारों की मानें तो इस रैन बसेरे में अब तो चूहों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि इसमें सोना तो दूर, टॉयलेट जाने में भी डर लगता है।

दूसरी जगह गुजारते हैं रात

हॉस्पिटल के कर्मचारियों का कहना है कि इस रैन बसेरा में 25 से 30 मरीजों के परिवार आराम कर सकते हैं। लेकिन इधर बीच चूहों की वजह से मरीजों के अटेंडेंट यहां आने से कतरा रहे हैं। इसलिए ज्यादातर लोग वार्ड के बाहर बने टीन शेड की नीचे जाकर सो जाते हैं। उनका कहना है कि इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अभी तक कुछ हो नहीं पाया।

वर्जन--

रैन बसेरा के इस हाल में होने की जानकारी उन्हें नहीं मिली थी। अगर ऐसा है तो उसे जल्द ठीक करा दिया जाएगा। ठंड बढ़ने से पहले यहां व्यवस्था बढ़ा दी जाएगी।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल