- नई दिल्ली की तीन सदस्यीय टीम ने हॉस्पिटल में की जांच, स्टाफ मेंबर्स से की पूछताछ

- दस कम्प्यूटर्स में से दो कम्प्यूटर्स हैं गायब, 2010 में तत्कालीन बीएसपी सरकार में लगवाए गये थे कम्प्यूटर्स

VARANASI:

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में घोटालों की बात कोई नई नहीं है। यहां हर विभाग में करप्शन की एक नई पर्ची लिखी जाती है। इस बार मामला एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल का है। बीएसपी गवर्नमेंट में मंडलीय हॉस्पिटल में लगाये गये दस कंप्यूटर्स में से दो कंप्यूटर्स के गायब होने की जांच के लिए सोमवार को नई दिल्ली से तीन सदस्यीय टीम हॉस्पिटल पहुंची। टीम ने हॉस्पिटल के समस्त अभिलेखों को खंगालते हुए हॉस्पिटल के स्टाफ से पूछताछ की। टीम को लेकर बहुत कंफ्यूजन रहा। कोई कंफर्म नहीं था कि सीबीआई टीम है या फिर ऑडिट टीम। हॉस्पिटल में पूरे दिन सीबीआई टीम के होने की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

एनआरएचएम फंड से ख्0क्0 में तत्कालीन बसपा सरकार ने गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स को हाईटेक करने के पर्पज से दस करोड़ रुपये से सूबे के सभी हॉस्पिटल्स में दस-दस कम्प्यूटर लगवाये थे। उस वक्त इसमें काफी बंदरबांट हुआ था। मंडलीय हॉस्पिटल में भी दस कम्प्यूटर लगवाये गए थे। कागजों में तो दस कम्प्यूटर्स पर खर्च हुई रकम दिखा दी गई थी लेकिन दस में सिर्फ आठ कम्प्यूटर ही मंडलीय हॉस्पिटल में लगे। बाकी दो कम्प्यूटर घोटाले की भेंट चढ़ गये। उन्हीं दो कम्प्यूटर्स की जांच के लिए टीम ने हॉस्पिटल की ओपीडी से लेकर हर डिपार्टमेंट के स्टाफ मेंबर्स से इंक्वॉयरी की। टीम के साथ हॉस्पिटल के एमएस डॉ। एके श्रीवास्तव भी रहे।

इन डिपार्टमेंट में लगे हैं कम्प्यूटर

-पर्ची डिपार्टमेंट में चार कम्प्यूटर

-पैथालॉजी में एक कम्प्यूटर

-मेडिसिन स्टोर में एक कम्प्यूटर

-इमरजेंसी में एक कम्प्यूटर

-एसआईसी ऑफिस में एक कम्प्यूटर लगा है।