RANCHI: आशियाने का सपना दिखाकर लोगों का रुपया लूटने वाली कंपनी वेलफेयर बिल्डिंग एंड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का संचालक मल्ला विजय प्रसाद ही सारे खेल का मास्टरमाइंड है। उसपर 1.7 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। वह खुद आंध्र प्रदेश में बैठकर अपने नुमाइंदों के जरिए जालसाजी का सारा खेल खेल रहा है। कंपनी के खातों में पड़े रुपयों का ट्रांजेक्शन भी मल्ला विजय प्रसाद समेत चार लोगों के द्वारा किया जाता है। वेलफेयर बिल्डिंग एंड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मल्ला विजय प्रसाद समेत चार लोगों के खिलाफ सीबीआई ने रांची सीबीआई कोर्ट में केस नम्बर आरसी 28(एस)/2017 में चार्जशीट भी किया है। सीबीआई ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए चारों आरोपियों पर 17 हजार करोड़ की जालसाजी को अंजाम देने का चार्ज लगाया है।

कई जिलों में सील, राजधानी में खेल

इस कंपनी को राज्य के चाईबासा, बोकारो, धनबाद, रामगढ़ समेत कई जिलों में जांच के बाद सील कर दिया गया है। सीबीआई ने चार्टशीट करते हुए स्पष्ट लिखा है कि यह कंपनी बिना किसी ऑथोराइजेशन के लोगों के रुपयों को जमा कर रही है, उसके बावजूद राजधानी में कंपनी के कार्यालय बदस्तूर जारी हैं। जिन जिलों में कंपनी को सील किया गया है, वहां लोकल ऑथॉरिटी पर केस दर्ज किया गया है, लेकिन मल्ला विजय प्रसाद समेत चार अन्य निदेशक पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। जानकारों का मानना है कि मल्ला विजय प्रसाद समेत अन्य मास्टरमाइंड पर केस नहीं करने के लिए मोटा चढ़ावा चढ़ाया गया है।

यह है कांड का मास्टरमाइंड

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कंपनी के एमडी मल्ला विजय प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वह आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सीथांमधारा के एसआरएम कालोनी में रहता है। उसका हाउस नम्बर 53-32-5/23 है। उसके पिता का नाम जोसेफ नायडू मल्ला है।

10 हजार स्क्वायर यार्ड जमीन के नाम पर जालसाजी

सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी के पास विशाखापट्टनम के कडापा जिले में गोटरु गांव में 10,51, 732 स्क्वायर यार्ड जमीन है। इस जमीन को कंपनी ने 100 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड कीमत पर देश भर में बुकिंग शुरू कर दी। कंपनी के बैंक खातों के अनुसार इसके एवज में कंपनी के खातों में देश भर से करीब 17,69,48,24,896 रुपये जमा कराए गए। मामला 1.7 हजार करोड़ से उपर की जालसाजी का हो गया है।

ये करते हैं कंपनी के बैंक अकाउंट को आपरेट

कंपनी के एमडी विजय प्रसाद मल्ला, डाएरेक्टर आला वीआरकेएस श्रीनिवास राव और दूसरी निदेशक विन्जुमूली संध्या वल्ली यह तीन नाम ही हैं जो वेलफेयर बिल्डिंग एंड इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों को ऑपरेट करते हैं। इसका मतलब है कि देशभर में कहीं से भी इस कंपनी के बैंक खातों में जमा रुपयों की निकासी और इस्तेमाल इन्हीं तीन लोगों के द्वारा किया जाता है। लेकिन इनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाता।

एसडीओ ने दिया कार्रवाई का आदेश

इस मामले में एसडीओ लोकेश मिश्र ने 24 जनवरी को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कंपनी के दस्तावेजों की जांच कर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन पैरवी और पहुंच के बल पर इस आदेश को दबा दिया जा रहा है।

सिल्ली और बेड़ो में लोग आत्महत्या के कगार पर

'दैनिक जागरण-आईनेक्सट' में खबर के प्रकाशन के बाद कई लोगों ने संपर्क कर बताया कि उनके लाखों रुपए कंपनी में फंसे हुए हैं। उन्हें बार बार समय दिया जा रहा है कि कंपनी रुपया दोगुना करके वापस लौटाएगी। कंपनी अगर बंद हो गयी तो वे लोग आत्महत्या के कगार पर पहुंच जाएंगे। विदित हो कि रामगढ़, चाईबासा, बोकारो, जमशेदपुर समेत कई जिलों में कंपनी के पीडि़त हजारों लोग आज भी रुपयों के लिए लोकल कर्मियों पर दबाव बना रहे हैं।

यह मामला काफी गंभीर है। पुलिस मामले की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर कंपनी के एमडी, डायरेक्टर समेत सभी दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

अनीश गुप्ता, एसएसपी रांची