कानपुर। 24 नवंबर 1955 को इंग्लैंड में जन्में इयान बाॅथम इंग्लिश क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर माने जाते हैं। न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी बाॅथम का कोई जवाब नहीं था। टेस्ट में 5,000 से ज्यादा रन और 383 विकेट अपने नाम करने वाले बाॅथम का वो मैच कभी नहीं भुलाया जा सकता जो उन्होंने 1982 में भारत के खिलाफ खेला था। इस मैच में बाॅथम ने न सिर्फ अपने टेस्ट करियर की सबसे तेज पारी खेली बल्कि फील्डर के पैर की हड्डी भी तोड़ दी।

1982 में खेला गया था वो मैच

साल 1982 में भारतीय टीम सुनील गावस्कर की अगुआई में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने इंग्लैंड गई थी। लॉर्ड्स में खेले गए पहले मैच में भारत 7 विकेट से हार गया था। इसके बाद दूसरे टेस्ट भारत ने किसी तरह ड्रा करवाया। अब बारी थी तीसरे और आखिरी टेस्ट की। गावस्कर के पास सीरीज की हार से बचने के लिए इस टेस्ट को जीतने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था। खैर अंतिम टेस्ट खेलने दोनों टीमें मैदान में उतरी। इंग्लिश कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। 100 रन के अंदर इंग्लैंड के दोनों ओपनर बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। अब क्रीज पर आए एलन लैंब और इयॉन बॉथम, दोनों ने 175 रन की साझेदारी की।

इयॉन बॉथम की तूफानी पारी से टूटी थी गावस्कर की हड्डी

एलन तो शतक बनाकर चलते बने, मगर बॉथम क्रीज पर अंगद की तरह पांव जमा चुके थे। उस दिन बॉथम ने रिकॉर्डतोड़ पारी खेली और टेस्ट में सबसे तेज दोहरा शतक जड़ दिया। दाएं हाथ के बल्लेबाज बॉथम उस दिन 208 रन बनाकर पवेलियन लौटे मगर साथ में भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को भी अपने साथ ले गए। दरअसल हुआ यूं कि गावस्कर सिलि प्वॉइंट पर फील्डिंग कर रहे थे और गेंद थी रवि शास्त्री के हाथों में। द गार्जियन की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि शास्त्री की गेंद पर बॉथम ने ऐसा शॉट मारा कि बॉल सीधे गावस्कर के बाएं पैर में जा लगी। यह शॉट इतना जोरदार था कि लिटिल मास्टर वहीं जमीन पर गिर गए। उन्हें फिर स्ट्रेचर से मैदान के बाहर ले जाया गया। जांच में पता चला उनके पैर की हड्डी टूट गई है। फिर क्या गावस्कर के पैर में प्लॉस्टर चढ़ा और वह पूरे मैच के लिए बाहर हो गए।

टेस्ट से बाहर होना पड़ा था गावस्कर को

भारत यह मैच जीत तो नहीं सका मगर गावस्कर की अनुपस्थिति में भारतीय टीम ने मैच ड्रा जरूर करा लिया। मैच खत्म होने के बाद इयॉन बॉथम ने अपने उस शॉट के लिए गावस्कर से माफी भी मांगी। बॉथम ने कहा था, 'मुझे पता है यह काफी तेज प्रहार था। मैं सनी (गावस्कर) को टेस्ट से बाहर करने के लिए माफी मांगता हूं।' यही नहीं बॉथम ने गावस्कर के पैर में जो प्लॉस्टर चढ़ा था उसमें अपने साइन भी किए थे।

पवेलियन की टाइल्स भी टूट गई थी

बाॅथम की 208 रनों की पारी इसलिए भी याद की जाती है क्योंकि उस दिन मैच में बाॅथम ने 19 चौके और 4 छक्के लगाए थे। एक छक्का तो इतना दमदार था कि पवेलियन की छत पर जा टकराया और वहां की टाइल्स टूटकर नीचे गिर गई। सही मायनों में देखा जाए तो बाॅथम की इस पारी में सिर्फ रिकाॅर्ड ही नहीं टाइल्स और हड्डी भी टूटी।

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