18 मार्च तक एस्टोटर्फ का कार्य पूरा होने में अभी संशय

 

1.5 लाख रुपये की ही मिल सकी है अभी पहली किश्त

 

दूसरी किश्त न मिलने से अटका काम

 

 

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दूसरी किश्त न मिलने से अटका काम

 

 

MeerutMeerut। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बनाए जा रहे एस्ट्रोटर्फ के काम में बजट न होने से रुकावट आ गई है। दरअसल, खेलो इंडिया योजना के तहत पहली किश्त के तौर पर डेढ़ लाख रुपये ही दिए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त न आने से पिछले कई दिनों से स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ का काम बंद पड़ा है। गौरतलब है कि बीते दिनों में लखनऊ में मुख्य सचिव ने एस्टोटर्फ बनाने वाली कंपनी और क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी से पूरे मामले की जानकारी मांगी थी। हालांकि लेटलतीफी पर खेल विभाग के मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई थी। इस बाबत क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर ने बताया कि खेलो इंडिया योजना की ओर से ही बजट रोका गया है, जबकि बजट के लिए पहले ही आवेदन कर दिया था। इसके बाद मुख्य सचिव ने एस्ट्रोटर्फ मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने एस्ट्रोटर्फ बनाने वाली कंपनी को क्8 मार्च तक कार्य पूरा करने की डेटलाइन दी हुई है, लेकिन बजट न होने से क्8 मार्च तक कार्य पूरा होने से दावे सिफर साबित हो रहे हैं।

 

समय पर नही मिलेगी सुविधा

स्टेडियम में पिछले सत्र से एस्ट्रोटर्फ बनाने का कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। इस कारण सबसे ज्यादा परेशानी खिलाडि़यों को उठानी पड़ रही है। गौरतलब है कि खेल मंत्री चेतन चौहान ने नवंबर में स्टेडियम का दौरा किया था, तब उन्होंने एस्टोटर्फ के कार्य को दिसंबर में कंप्लीट करने का आश्वासन दिया था, लेकिन काम में तेजी ना आने से इसकी तिथि को मार्च तक के लिए बढ़ाया गया था। हालांकि अब मार्च में भी कार्य पूरा हो जाए ये भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

 

 

एस्ट्रोटर्फ बनाने वाली कंपनी को बजट ना मिलने के कारण से कार्य रुका है। बजट आते ही काम में तेजी आएगी। हालांकि, अब थोड़ा सा ही काम बचा हुआ है।

आले हैदर, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी

 

स्टेडियम में जब से एस्ट्रोटर्फ का काम शुरु हुआ है। तब से खेलने के लिये काफी दिक्कत हो रही है। पहले इस मैट पर प्रैक्टिस करते थे, अब वह भी खराब है।

ममता, खिलाड़ी

 

एक तरफ तो एस्ट्रोटर्फ मिलने की खुशी है, वही एक तरफ दुख भी है। क्योंकि एस्ट्रोटर्फ के लिये दूसरी तरह का प्रयोग होता है.-

रीता, खिलाड़ी