-कंस्ट्रक्शन मैटेरियल की कीमतें तय करने के लिए रेग्यूलेटरी बॉडी बनाने की मांग

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PATNA: हर किसी का हो घर अपना. यह बात मात्र स्लोगन ही रह जाएगा. यह तल्ख हकीकत सीमेंट की कीमतों में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि के बाद सामने आया है. करीब एक हफ्ते पहले ही इसमें वृद्धि की गई है. जहां बार-बार बिल्डिंग मैटेरियल खास तौर पर सीमेंट की कीमतों पर नियंत्रण के लिए रेग्यूलेटरी बॉडी की मांग हो रही है, वहीं सरकार के मौन रहने के कारण इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है. यही वजह है कि जिस रफ्तार से कंस्ट्रक्शन सेक्टर को ग्रोथ करना चाहिए था वह जमीन पर नहीं दिख रहा है. इसके कारण आम आदमी से लेकर बिल्डर सभी परेशान हैं.

घर बनाने के बिगड़ते गणित को लेकर इस चुनावी माहौल से पहले कोई सुन भी नहीं रहा है. जबकि हर लेवल पर तमाम कंस्ट्रक्शन वर्क खास तौर पर आधे -अधूरे कंस्ट्रक्शन वर्क प्रभावित होंगे. क्योंकि इन सभी का तय अनुमान से बजट अधिक हो जाएगा.

सीमेंट यानि 55 प्रतिशत खर्च

कंस्ट्रक्शन वर्क के अनुभवी लोग बताते हैं कि वैसे तो बिल्डिंग तैयार करने में कई प्रकार के खर्चे हैं. लेकिन केवल बिल्डिंग मैटेरियल के खर्च की बात करें तो पता चलता है कि केवल 55 प्रतिशत खर्च सीमेंट का होता है. अन्य मैटेरियल में सरिया, ईट आदि है. यदि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की बात करें तो यह करीब 15 से 25 प्रतिशत होगा. जबकि कमर्सियल और इंडस्ट्रियल में यह खर्च 15 प्रतिशत होगा. कितना फर्क होगा सीमेंट की कीमत में यदि 30 प्रतिशत वृद्धि होती है? पहले सीमेंट करीब 260 रुपए प्रति बैग था वर्तमान कीमत 345 रुपए प्रति बैग है. एक 100 वर्गमीटर में यदि तीन मंजिला भवन बनाना हो तो पहले जहां सीमेंट पर 15 लाख रुपए का खर्च आता था. वह अब 18 लाख रूपये हो जाएगा.

सिंडिकेट बनाकर करते हैं कीमत तय

सीमेंट की कीमत इससे पहले भी कई बार बढ़ चुकी है. इसे लेकर बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से सीमेंट मैन्यूफैक्चरों के खिलाफ कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया में मामला उठाया. कमीशन ने अपनी जांच में यह पाया कि सीमेंट मैन्यूफैक्चर्स सिंडिकेट बनाकर मनमाने तरीके से कीमतें बढ़ा लेते हैं. इसके बाद से इस बात की मांग उठने लगी कि बिल्डिंग मैटेरियल खास तौर पर सीमेंट की कीमतें तय करने के लिए रेग्यूलेटरी बॉडी का गठन किया जाए.

डिमांड और सप्लाई अपनी जगह है. लेकिन जहां आम उपभोक्ताओं का भी सवाल है वहां कीमतें नियंत्रित होनी चाहिए. इस बाबत सरकार सकारात्मक पहल करे.

-केपीएस केशरी , प्रेसीडेंट बीआईए