- स्मार्ट सिटी के अंतर्गत घरों में क्यूआर कोड लगाने की तैयारी

- क्यूआर कोड से मकान में रहने वालों की संख्या भी पता चलेगी

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LUCKNOW

मकान पर कितना हाउस टैक्स बाकी है और भवन स्वामी की ओर से कब से टैक्स जमा नहीं किया गया है, इसकी जानकारी अब आसानी से मिल सकेगी। इतना ही नहीं यह भी जानकारी तुरंत मिल जाएगी कि निगम की ओर से उक्त भवन स्वामी को टैक्स जमा करने के लिए कितनी बार नोटिस दिया गया। इसकी वजह यह है कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत मकानों के बाहर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी है। इस कोड की मदद से मकान से जुड़ी सभी जानकारी पलक झपकते ही मिल जाएगी।

कार्रवाई करना होगा आसान

एक तरफ जहां जीआईएस सर्वे की मदद से ऐसे घरों को चिन्हित किया जा रहा है, जो टैक्स जमा नहीं करते हैं या फिर निर्धारित से कम टैक्स देते हैं, वहीं क्यूआर कोड की मदद से भी ऐसे भवन स्वामी सामने आएंगे, जो टैक्स जमा करने में पीछे रहते हैं। इसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मकान की लोकेशन भी ट्रेस

क्यूआर कोड की मदद से किसी भी मकान की लोकेशन भी आसानी से ट्रेस की जा सकेगी। खास बात यह भी है कि निगम कर्मियों की ओर से यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकेगा कि उन्हें मकान नहीं मिला। क्यूआर कोड उन्हें हर एक मकान तक पहुंचा देगा।

कूड़ा कलेक्शन की भी जानकारी

क्यूआर कोड की मदद से कूड़ा कलेक्शन की भी आसानी से जानकारी निगम के कंट्रोल रूम में पहुंच सकेगी। जैसे ही कूड़ा कलेक्शन कर्मचारी क्यूआर कोड के संपर्क में आएगा तो उसकी लोकेशन सीधे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पहुंचेगी।

सदस्यों की संख्या

क्यूआर कोड की मदद से किसी भी मकान में रहने वाले लोगों की संख्या के बारे में भी आसानी से जानकारी मिलेगी। इससे कोई भी व्यक्ति निगम प्रशासन से यह डाटा नहीं छिपा सकेगा कि उसके मकान में कितने लोग रहते हैं।

टैक्स जमा भी कर सकेगा

खास बात यह है कि कोई भी मकान मालिक क्यूआर कोड की मदद से अपने टैक्स के बारे में जानकारी भी हासिल कर सकेगा फिर लिंक से उसे घर बैठे ही जमा भी कर सकेगा। हालांकि इस व्यवस्था को क्यूआर कोड में कुछ समय बाद शुरू किया जाएगा।

क्यूआर कोड में डाटा फीड

जिस मकान में क्यूआर कोड लगाया जाएगा, उस मकान का टैक्स व अन्य डाटा क्यूआर कोड में फीड कर दिया जाएगा। इस कोड को घरों के बाहर नेम प्लेट के पास लगाया जाएगा। हालांकि जिस फ्रेम में इस कोड को लगाया जाएगा, उसकी व्यवस्था स्मार्ट सिटी से होगी। खास बात यह है कि गर्मी, बारिश और सर्दी का क्यूआर कोड पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं अगर कोई क्यूआर कोड से छेड़छाड़ करता है तो उसकी जानकारी भी तुरंत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पहुंच जाएगी।

क्यूआर कोड की मदद से टैक्स न जमा करने वालों को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। टैक्स न जमा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, सीईओ, स्मार्ट सिटी