- शहर में कई इलाके तो जाम के कारण हुए बदनाम

- शहर के कई चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बने शोपीस

Meerut : शहर में जाम के झाम ने शहरवासियों को परेशान कर रखा है। हालत यह है कि कुछ इलाकों की पहचान ही जाम से होने लगी है। शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस कई अभियान चलाती है। बावजूद इसके हालात सिफर नजर आते हैं।

सड़कों पर अतिक्रमण

शहर में जाम का बड़ा कारण यातायात पुलिस की लापरवाही भी है। सड़क के दोनों ओर रेडी-पटरी वालों का जमावड़ा रहता है। जिससे जाम की स्थिति चाहकर भी ठीक नहीं होती।

सिग्नल खराब

शहर के बच्चा पार्क चौराहा, ईव्ज चौराहा व हापुड़ अड्डा चौराहे के सिग्नल महीनों से खराब हैं। साथ ही चौराहों पर दिन के 12 बजे तक तो यातायात कर्मी दिखाई पड़ते हैं। इसके बाद चौराहे सूने हो जाते हैं। जिससे जाम की स्थिति बन जाती है।

यहां रुलाता है जाम

1. रेलवे रोड चौराहा

रेलवे रोड चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में है। चौराहे पर दिनभर जाम रहता है। सड़क के दोनो ओर अतिक्रमण से वाहन भी बेतरतीब तरीके से निकलते हैं।

केसर गंज चौराहे का हाल

- 15000 वाहनों का रोजाना आवागमन

- 10 बजे से रात 3 बजे तक लगभग 7000 वाहनों की आवाजाही

- 4 से 7 किमी प्रति घंटा तक ही रहती है औसत स्पीड

2.घंटाघर चौराहा

घंटाघर चौराहे पर भी दिनभर जाम रहता है। वाहनों की रेलमपेल आम लोगों के लिए नासूर है। हालत यह है कि चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी न तो कार्रवाई करते और न ही जाम खुलवाने की जहमत उठाते हैं।

घंटाघर चौराहे के हालात

- 16000 वाहनों का रोजाना आवागमन होता है।

- 9 बजे से रात 2 बजे तक वाहनों का होता है आवागमन

- 9000 वाहनों का तकरीबन होता है आवागमन

- 3 से 5 किमी प्रति घंटा रहती है औसत स्पीड

3. भूमिया का पुल

भूमिया के पुल शहर में चर्चित जाम वाला पुल कहलाता है। वहां जाम लगने का मुख्य कारण सड़क के किनारे बनी दुकाने हैं। दुकानदार अपना ज्यादातर सामान सड़क पर ही रखते है। जिससे सड़क की चौड़ाई ट्रैफिक के हिसाब से कम हो जाती है। जिसके चलते मुसाफिरों को जाम में फंसे रहना पड़ता है।

ये हैं आंकड़े

- 17000 तकरीबन वाहनों का भूमिया के पुल से रोजाना होता है आवागमन

- 7000 औसत वाहनो का आवागमन होता है सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक

- 6 से 8 किमी प्रति घंटा की रहती है औसत स्पीड

इन ट्रैफिककर्मियों की है तैनाती

1 सीओ

1 टीआई

3 टीएसआई

6 हेड कांस्टेबल

93 कांस्टेबल

शहर में मैन पावर की कमी है। इसके बाद भी ज्यादातर चौराहों पर टै्रफिक कर्मी मौजूद रहते हैं। यदि दोपहर बाद टै्रफिक कर्मी गायब हैं तो चिंहित किया जाएगा।

-किरण यादव, एसपी टै्रफिक