कंप्यूटर में ज्यादा, फोन में कम
सबसे पहले आपको यह बात समझनी होगी कि, वायरस होता क्या है. दरअसल यह एक तरह की प्रोग्रामिंग होती है, जो आपके पीसी या लैपटाप में घुसकर डाटा उड़ा देती है. ज्यादातर वायरस कंप्यूटर डिवाइसेज के लिए बनाए जाते हैं. स्मार्टफोन में कोई भी वायरस जल्दी असर नहीं डालता है. हां कभी-कभी आउट सोर्सेज से कनेक्ट होने पर फोन में वायरस आ सकता है, जोकि आपके फोन को हैंग कर देगा. लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे बचा जा सकता है.

कैसे आता है वायरस

स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर में दो चीजें अहम होती हैं. पहला ओएस और दूसरा एप्लीकेशन. जब आप नया स्मार्टफोन परचेज करते हैं, तो उसमें ओएस और कुछ जरूरी एप्स इंस्टॉल्ड होते हैं. लेकिन जब आप इसमें नए एप इंस्टॉल करना शुरु करते हैं, तो थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए. स्मार्टफोन में वायरस तब आता है, जब आप इसमें यूएसबी कनेक्ट करते हैं. जैसे अगर कोई यूजर्स कंप्यूटर से कोई एप फोन में ले रहा है, तो कंप्यूटर में पड़ा वायरस एप के जरिए आपके फोन में इंटर कर जाएगा और फोन के ओएस पर इफेक्ट डालेगा. वहीं पेन ड्राइव, एसडी कार्ड आदि से भी वायरस आने का खतरा बना रहता है.

इस तरह से बचा जा सकता है
अब अगर किसी स्मार्टफोन में वायरस का हमला हो गया है. तो सबसे पहले आउटसोर्सिंग से इंस्टॉल किए गए सभी एप्स को मेमारी कार्ड में ट्रांसफर कर दें. ताकि वायरस इफेक्टेड एप आपके फोन के ओएस से कांन्टैक्ट न कर पाए. वैसे यूजर्स को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि, सभी एप्स जैसे- गेम्स, मैसेंजर, इमेज एडिटर आदि को प्ले स्टोर से डाउनलोड करके ही इंस्टॉल करें. प्ले स्टोर पर सभी एप काफी सुरक्षित होते हैं, कंपनियां इसे पूरी तरह से चेक करके ही यूजर्स को इंस्टॉल करने की सुविधा उपलब्ध कराती हैं.

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