1972 के तहत: 
ग्रेच्युटी कर्मचारियों की भविष्य सुरक्षा के लिए मिलने वाली एक मजबूत रकम होती है। वर्तमान में कर्मचारियों को इस स्कीम का लाभ पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत मिलता है। 

अधिकतम 10 लाख रुपये: 
ग्रेच्युटी में मिलने वाली रकम की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये है। हालांकि अभी इसमें कुछ संशोधन होना है। अब 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। 

नामिनी सदस्य को ग्रेच्युटी: 
अगर किसी कर्मचारी के नौकरी में 5 साल पूरे नहीं हुए और उसकी बीच में ही मृत्यु हो जाती है। ऐसे में कंपनी उस कर्मचारी के नामिनी सदस्य को ग्रेच्युटी का भुगतान करेगी। 

कोई बड़ी बीमारी होने पर: 
वहीं अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान दुघर्टना का शिकार या फिर उसे कोई बड़ी बीमारी हो जाती है। जिससे वह अपंग हो जाता है। इन स्थितियों में उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। 

 

1972 के तहत: 
ग्रेच्युटी कर्मचारियों की भविष्य सुरक्षा के लिए मिलने वाली एक मजबूत रकम होती है। वर्तमान में कर्मचारियों को इस स्कीम का लाभ पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत मिलता है। 

अधिकतम 10 लाख रुपये:
ग्रेच्युटी में मिलने वाली रकम की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये है। हालांकि अभी इसमें कुछ संशोधन होना है। अब 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। 

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नामिनी सदस्य को ग्रेच्युटी:
अगर किसी कर्मचारी के नौकरी में 5 साल पूरे नहीं हुए और उसकी बीच में ही मृत्यु हो जाती है। ऐसे में कंपनी उस कर्मचारी के नामिनी सदस्य को ग्रेच्युटी का भुगतान करेगी। 

कोई बड़ी बीमारी होने पर:
वहीं अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान दुघर्टना का शिकार या फिर उसे कोई बड़ी बीमारी हो जाती है। जिससे वह अपंग हो जाता है। इन स्थितियों में उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। 

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