पहले विश्वयुद्ध का क्या कारण रहा
कानपुर। पहला विश्व युद्ध, जिसने एक समय में पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया, 1914 में आज ही के दिन यानी कि 28 जून को इसकी शुरुआत हो गई थी। विश्वयुद्ध होने का आखिर कारण क्या था, इसके बारे में तो लगभग सभी लोग जानते होंगे, अगर नहीं जानते तो आइये जानें कि पहला विश्वयुद्ध क्यों हुआ और उसमें भारत ने कैसे अपना योगदान दिया।

तनाव का माहौल पैदा हो गया
'ब्रिटिश काउंसिल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1914 में औद्योगिक क्रांति के चलते लगभग सभी देश व्यापार बढ़ाने के लिये कच्चे माल की तलाश में थे। इसके लिये वह दूसरे देशों पर गलत तरीके से अधिकार जमाकर अपना कम निकालना चाहते थे। ऐसा काफी दिन तक चला लेकिन एक समय के बाद देशों के बीच भरोसा घटता गया और तनाव का माहौल पैदा हो गया। इसके बाद जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, ओटोमन और बुल्गारिया ने मिलकर अपना एक गुट बना लिया, वहीं रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी मिलकर अपना एक गुट तैयार किया। ये दोनों ही गुट अब एक दूसरे को बर्बाद करने का एक मौके तलाश रहे थे।

सर्बिया पर युद्ध का ऐलान
पहला मौका तब मिला जब आज ही के दिन यानी कि 28 जून, 1914 को ऑस्ट्रिया के होने वाले राजा आर्चड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या सेराजेवो में कर दी गई। इसका बदला लेने के लिये ऑस्ट्रिया ने ठीक एक महीने बाद यानी कि 28 जुलाई को सर्बिया पर युद्ध का ऐलान किया। बाद में इस मसले को लेकर विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई और अन्य देश भी धीरे धीरे दोनों गुट में शामिल होते गए।  

10 लाख सैनिक शामिल
भारत इन दिनों ब्रिटिश शासन के अधीन था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के नेताओं ने उस मुश्किल समय में ब्रिटेन का साथ देने का फैसला किया। नेताओं का मानना था कि ऐसा करने से ब्रिटेन खुश होकर भारत को पूरी तरह से आजाद कर देगा। हालांकि बाद में ऐसा नहीं हुआ। पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ, इसमें भारत ने ब्रिटेन के साथ मिलकर जमकर बाकी देशों से युद्ध किया। इस विश्व युद्ध में भारत के 10 लाख सैनिक शामिल हुए थे। इनमें 74,000 से अधिक शहीद हुए और करीब 60,000 से ऊपर घायल हो गए थे।

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