फ्लैग-5 मार्च को जिला प्रशासन की ओर से जारी किए थे दो हेल्पलाइन नम्बर
आई एक्सक्लसूसिव
-हेल्पलाइन नंबर्स पर कई बार कॉल करने पर नहीं मिला कोई जवाब
-कोरोना से जुड़े सवालों के जवाब पाने के चक्कर में बरेलियंस होते रहे परेशान
ये हेल्पलाइन नम्बर किए थे जारी
-0581-250044, 9997164999
बरेली: कोरोना को देश-विदेश में सभी अलर्ट है लेकिन अपने शहर में शायद जिला प्रशासन को कोई फिक्र नहीं है। जिला प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट कोरोना का लेकर कितना अलर्ट है, इसका अंदाजा आप हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल करके लगा सकते हैं। जिला प्रशासन और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से पांच मार्च को जारी कोरोना हेल्पलाइन नंबर पर कॉल रिसीव नहीं हो रही है जिससे बरेलियंस को उनके सवालों के जवाब नहीं मिल पा रहे हैं और वे दहशत में हैं।
ऐसे खुली पोल
डीएम नितीश कुमार और सीएमओ विनीत शुक्ला की ओर से जारी कोरोना हेल्पलाइन नंबर 0581-2553311 पर संडे को हमारे न्यूजपेपर के रीडर ने तीन से चार बार अलग-अलग समय पर कॉल की, लेकिन एक बार भी कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद रीडर ने 997164999 पर कॉल की, लेकिन इस पर किसी जिम्मेदार ने कॉल नहीं उठाई। इसके बाद उसने हमारे रिपोर्टर को सारी हकीकत बताई।
शाम को भी नहीं उठी कॉल
हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने शाम 5 से लेकर 10 बजे के बीच कई बार दोनों नंबर्स पर कॉल की लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। जिससे साफ है कि हेल्पलाइन नंबर जारी कर बरेलियंस की हेल्प के बजाए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
इसलिए जारी हुए थे नंबर
हेल्पलाइन नंबर्स बरेलियंस की हेल्प के लिए जारी हुए थे। जिससे वे कोरोना से जुड़े सवालों के जवाब पा सकते हैं। साथ ही बचाव के तरीके और संदिग्ध होने पर ट्रीटमेंट और चेकअप आदि की जानकारी ले सकते हैं। लेकिन अब इन हेल्पलाइन नंबर पर कोई भी हेल्प नहीं मिल रही है, वो भी तब जब सभी शहरों में कोरोना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।
हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल करने पर 'आप जिस व्यक्ति से संपर्क कर रहे हैं वह आपकी कॉल स्वीकार नहीं कर पा रहे हैंकम्यूटर जनरेटेड वॉइस कॉल सुनाई देती है फिर इसके बाद कॉल डिसकनेक्ट हो जा रही है। जबकि हेल्पलाइन नम्बरों को जारी करते समय सुबह 8 से रात 10 बजे तक हेल्प का भरोसा दिया गया था। लेकिन अब यह नंबर्स पर धोखा मिल रहा है।
दिखावे के लिए हेल्पलाइन
सुबह 11 बजे से नम्बर ट्राई किया, शाम को भी ट्राई किया लेकिन नम्बर कनेक्ट नहीं हुआ। लैंड लाइन नम्बर लग भी रहा तो वह पिक नहीं हो रहा।
राजीव
हेल्पलाइन नम्बर नहीं इसे तो पब्लिक के साथ धोखा कहिए। क्योंकि ऐसे हेल्पलाइन का क्या मतलब जो नम्बर लगता ही नहीं है। इससे पब्लिक परेशान होती है।
महेश
हेल्पलाइन नम्बर पब्लिक को आराम नहीं बल्कि परेशानी दे रहा है। क्योकि हर कोई कोरोना से रिलेटिड इनफार्मेशन के लिए कॉल तो लगा लेकिन सॉल्यूशन तो दूर बात तक नहीं हो पा रही।
दीपेन्द्र