इलाहाबाद हाईकोर्ट में काम काज शुरू होने के 100 वर्ष पूरे होने आयोजित समारोह में बोले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई

भव्य प्रोग्राम का हुआ आयोजन, एलईडी लाइटों से जगमगा उठा हाई कोर्ट कैंपस

न्यायविदों ने ऐतिहासिक फैसलों, शख्सियतों को शिद्दत से किया याद

मुकदमों का प्रेशर है और न्यायाधीशों की संध्या स्वीकृत पदों के आधे से भी कम है। इसके बाद भी उम्दा न्याय की मिशाल बना है इलाहाबाद हाई कोर्ट। इलाहाबाद हाई कोर्ट में काम शुरू होने के सौ वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक पल का साक्षी तो बनना ही था मैं यहां पर्सनली भी आना चाहता था क्योंकि यह अदालत देशभर के लिए नजीर है। यह बातें शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस रंजन गोगोई ने कही। वह इलाहाबाद हाई कोर्ट की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि न्यायिक क्षेत्र में समस्याओं की नहीं, निराकरण की चर्चा होनी चाहिए। इसकी पहल इलाहाबाद से ही होनी चाहिए क्योंकि यहां सबसे अधिक मुकदमे लंबित हैं। इस अवसर पर देश के कई जाने-माने न्यायविद उपस्थित थे।

यहां हुए फैसलों ने समाज को दी दिशा

उन्होंने कहा कि यहां का विशाल एवं अद्भुत भवन अपने 100 वर्ष पूर्ण होने पर इसलिए गौरवशाली महसूस कर रहा है, क्योंकि यहां एक से बढ़कर एक फैसले लिए गए, जिन्होंने देश एवं समाज को नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि वह यहां पहली बार आए हैं, लेकिन यहां के ऐतिहासिक फैसलों एवं कम न्यायाधीश होने के बाद भी उम्दा फैसले उन्हें प्रभावित करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय नौ लाख 18 हजार से अधिक केस यहां लंबित हैं, हर साल बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में इलाहाबाद में हर दिन इतिहास बन रहा है। जस्टिस गोगोई ने कहा कि समस्याओं के निराकरण के लिए जरूरी है कि बार एवं बेंच में बेहतर सामजस्य हो। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरके अग्रवाल ने हाईकोर्ट से जुड़े अपने अनुभव गिनाते हुए अधिवक्ता, बेंच के कार्य एवं दायित्व पर विस्तार से चर्चा की। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट का हिस्सा रहे हैं और इस तरह के समारोह में आकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। बोले, समय का प्रबंधन, कार्य की गुणवत्ता एवं सामंजस्य होना बहुत जरूरी है।

ऐतिहासिक दिन है यह

अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अशोक मेहता ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। न्यायिक मूल्यों को जिंदा रखना और बेहतर करते रहने की परंपरा अनुकरणीय है। प्रदेश के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने हाईकोर्ट की गौरवगाथा का विस्तार से जिक्र किया और हाईकोर्ट के न्याय के क्षेत्र में निरंतर नया करता रहेगा ऐसा विश्वास जताया। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले ने हाईकोर्ट का इतिहास से लेकर वर्तमान तक का जिक्र किया और भविष्य में बेहतर करने का संकल्प दोहराया। इसके पहले जस्टिस वीके शुक्ल और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी व एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बीपी सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया। इस मौके पर डीवीडी एवं डाक टिकट भी जारी किया गया। समारोह में उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन समेत तमाम जस्टिस व वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद थे। आभार संयोजक न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने ज्ञापित किया।