- सर्जिकल ब्लेड से रेता गला, मौके पर पड़े थे तीन गलब्स

- सहजनवां के भकसा-घूरापाली रोड की घटना से सनसनी

GORAKHPUR: आजाद चौक, महुई सुघरपुर मोहल्ला निवासी प्लंबर ठेकेदार और उनकी पत्‍‌नी की बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दी। शुक्रवार सुबह दोनों की डेड बॉडी सहजनवां एरिया के घूरापाली-भक्सा रोड पर गेहूं के खेत में मिली। महिला की रिश्तेदारी से पहुंचे लोगों ने पहचान करके पुलिस को सूचना दी। गला रेतने के लिए बदमाशों ने सर्जिकल ब्लेड का इस्तेमाल किया था। मौके पर तीन गलब्स मिलने से आशंका जताई जा रही है कि मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों ने किसी हॉस्पिटल में वारदात को अंजाम देकर डेड बॉडी को वहां ठिकाने लगाया। आसपास गांव के लोगों ने रात में एक एंबुलेंस के चक्कर लगाने की जानकारी पुलिस को दी है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस की अलग-अलग टीमें मामले की छानबीन में जुटी हैं।

100 फीट के फासले पर पड़े थे शव

शुक्रवार सुबह भक्सा के लोग मार्निग वॉक पर निकले थे। तभी खेत में अगल-बगल करीब 100 फीट की दूरी पर दो लोगों की डेड बॉडी देख शोर मचाने लगे। प्रधान लालजी सहित कई लोग पहुंच गए। सोशल मीडिया पर डेड बॉडी की सूचना वायरल होने पर घूरापाली के गणेश पहुंचे। उन्होंने दोनों की पहचान कर ली। बताया कि महुई सुघरपुर निवासी रविंद्र साहनी (40) और उनकी पत्‍‌नी संगम (35) की डेड बॉडी है। संगम का मायका जंगल कौडि़या के दिन्नूपुर, ताल कोइला में है। करीब 20 साल पूर्व रविंद्र से संगम की शादी हुई थी। उनके दो बच्चे 12 साल का आदित्य और आठ साल का अभय कुमार है। डबल मर्डर की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छानबीन शुरू कर दी। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर सबूत जुटाए। जांच में मालूम हुआ कि किसी दूसरी जगह से मर्डर करके वहां पर डेड बॉडी फेंकी गई है। रविंद्र के पिता अर्जुन की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

बहू की दवा कराने निकला था बेटा

परिजनों ने बताया कि रविंद्र ठेके पर प्लंबर का काम करते थे। झुंगिया बाजार में उनका एक ऑफिस भी है। रविंद्र की मां अमरावती ने बताया कि शाम करीब साढ़े चार बजे उनकी बहू बुखार होने की बात कहकर घर से निकली। उसने रविंद्र को फोन करके दाउदपुर में बुलाया। तब रविंद्र अपने गीता प्रेस की साइट पर काम कर रहे थे। देर रात तक दोनों घर नहीं लौटे तो परिजनों ने कॉल किया। रविंद्र के दो और संगम का एक मोबाइल नंबर स्विच ऑफ बताने लगा। रात में 12 बजे के बाद कुछ देर तक घंटी बजी। लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सुबह दोनों के मर्डर की सूचना मिली। रविंद्र की ससुराल जंगल कौडि़या के पास है। ससुराल जाने के लिए वह सोनौली हाइवे पर जंगल कौडि़या से तुर्कवलिया रोड पर दिन्नूपुर जाते थे। रविंद्र के बुलेट की चाबी और 15 हजार रुपए उनकी जेब में मिले। जबकि मोबाइल फोन और बुलेट का पता नहीं चल रहा। संगम के चाचा दिन्नूपुर निवासी पन्ने लाल निषाद ने बताया कि कारोबारी रंजिश हो सकती है। लेकिन अन्य किसी तरह का कोई मामला संज्ञान में नहीं था।

मां-बाप से नहीं मिल पाए बच्चे

चार भाइयों और एक बहन में दूसरे नंबर के रविंद्र सुबह ही काम पर निकल जाते थे। उनका बड़ा बेटा सिविल लाइंस स्थित स्कूल में छठवीं का स्टूडेंट है। जबकि छोटा भी पढ़ाई कर रहा है। गुरुवार की शाम बड़ा बेटा आदित्य कुमार कोचिंग गया था। तभी उसकी मां दवा कराने के लिए घर से निकल गई। शाम को जब डेड बॉडी घर पहुंची तो लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। दोनों बेटे समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उनके मां-बाप को क्या हो गया।

दो साल पूर्व ऐसे ही मिली थी डेड बॉडी

शुक्रवार सुबह जब दंपति की डेड बॉडी मिली तो दो साल पूर्व हुई घटना की चर्चा शुरू हो गई। लोगों ने पुलिस को बताया कि 22 जून 2016 को इसी क्षेत्र में चोरमा नाला रेगुलेटर के पास करीब 30 साल की महिला की डेड बॉडी मिली थी। उसका गला रेतकर बदमाशों ने जान ली थी। डेड बॉडी के पास तीन सर्जिकल गलब्स और ब्लेड मिला था। दाहिने पैर की एक चप्पल, खून से सना कपड़ा मिलने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन बाद में यह मामला दब गया। दंपति के मर्डर का तौर तरीका और सर्जिकल सामानों की बरामदगी से लोग पुरानी घटना से जोड़ने लगे। माना जा रहा है कि वारदात किसी अस्पताल में की गई। या फिर कोई ऐसा है जो अस्पताल के कामों में एक्स्पर्ट है। डेड बॉडी फेंकी जाने वाली जगह पर किसी अंजान का पहुंच पाना संभव नहीं। कोई न कोई आसपास के इलाके का वारदात में जरूर शामिल है। महिला का मायका घटनास्थल से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर है।