- शपथ ग्रहण में पत्‍‌नी के साथ रहे खड़े, पहली ही बैठक लेने भी पहुंचे

- महिलाओं के प्रतिनिधित्व अधिकार के हनन में अधिकारियों का भी मिला साथ

SAHJANWA : पंचायत चुनाव में आधी आबादी को भी मौका मिले, इसके लिए कई पद महिला आरक्षित किए गए। महिलाओं ने चुनाव लड़ा और जीतीं भी। इस दौरान चुनाव जिताने में उनके पति व पुरुष परिजन हर पग पर साथ रहे। लेकिन शुक्रवार को ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी के शपथ ग्रहण समारोह व बैठक में उनके अधिकार 'छीनने' में वही सबसे आगे खड़े नजर आए। शपथ ग्रहण में महिला प्रतिनिधियों के साथ उनके पति खड़े तो हुए ही, बैठक में भी भाग लिया। पाली में इसका जमकर विरोध हुआ। हैरत तो तब हुई जब अधिकारी भी पति की ही तरफदारी करते नजर आए।

महिला आरक्षित सीट

पाली ब्लॉक प्रमुख की सीट महिला आरक्षित है। इस सीट पर किरण सिंह प्रमुख निर्वाचित हुई हैं। शुक्रवार को उन्होंने ब्लॉक पर आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लिया। उनके साथ उनके पति महेन्द्र सिंह भी खड़े नजर आए, जिसकी चर्चा लोग करते रहे। यह स्थित कुछ अन्य ब्लॉक पर भी दिखी।

बैठक में भी पहुंचे

शपथ ग्रहण के बाद बीडीसी की पहली बैठक शुरू हुई। बैठक प्रमुख किरण सिंह को लेनी थी लेकिन उनके साथ उनके पति भी पहुंच गए। बैठक में महेन्द्र की मौजूदगी पर कई सदस्यों ने आपत्ति जताई। सदस्यों ने उनसे बैठक से बाहर जाने का आग्रह किया। लेकिन वे जाने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद बीडीसी रम्भू दुबे व अन्य ने बीडीओ से हस्तक्षेप करने को कहा।

सदस्यों का हंगामा

हद तो तब हो गई जब बीडीओ ने इसे मामूली बात कहते हुए खारिज कर दी। इस पर बीडीसी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि पहली ही बैठक में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और जबरिया हंगामा शांत कराया गया। सदस्यों के विरोध के बीच ही बैठक का कोरम पूरा कर दिया गया लेकिन प्रमुख के पति बैठक से बाहर नहीं किए गए।

महेन्द्र सिंह की पत्‍‌नी प्रमुख हैं। बैठक में कुछ लोग हल्ला कर रहे थे। उन्हें शांत कराने वे आए थे। यदि वे बैठक में थे तो इससे क्या दिक्कत हो गई?

- ओमप्रकाश दुबे, बीडीओ, पाली