कानपुर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को हैदराबाद में 26 साल की महिला डाॅक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले चारो आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। मुठभेड़ की निंदा करते हुए मेनका गांधी ने कहा, 'जो भी हुआ है बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए। आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते, उन्हें (आरोपी) किसी भी तरह से अदालत द्वारा फांसी दे दी जाती। उन्होंने आगे कहा, 'अगर न्याय को ट्रिगर के माध्यम से परोसा जाएगा तो इस देश में अदालतों और पुलिस की क्या आवश्यकता है?'


शशि थरूर का बयान
वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'सिद्धांत के हिसाब से सहमत हूं। हमें और अधिक जानने की जरूरत है, उदाहरण के लिए अगर अपराधियों के पास हथियार थे, तो पुलिस को फायरिंग के लिए उचित ठहराया जा सकता है।'


सीताराम येचुरी ने उठाया सवाल
वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्या महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर चिंताओं का जवाब नहीं हो सकता है। न्याय कभी प्रतिशोध नहीं हो सकता। 2012 के दिल्ली अपराध को ठीक से लागू नहीं करने के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर सख्त कानून क्यों बनाया गया है?


सोशल एक्टिविस्ट ने भी उठाया सवाल

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता वृंदा अदिगे ने शुक्रवार को इस मुठभेड़ की निंदा की और कहा कि पुलिस की कार्रवाई 'अस्वीकार्य' है और लोकतंत्र इस तरह से काम नहीं करता है।& उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करता है, तो उन्हें घुटने के नीचे आरोपी को मारना चाहिए। उन्होंने सवाल पूछा, 'क्या पुलिस ने अपने मैन्युअल को फॉलो किया?'

National News inextlive from India News Desk